महाराष्ट्र चुनाव में बिटकॉइन इस्तेमाल के आरोप; ईडी ने ऑडिट कंपनी के कर्मी से पूछताछ की
पारुल सुभाष
- 20 Nov 2024, 11:29 PM
- Updated: 11:29 PM
मुंबई, 20 नवंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को धन शोधन मामले की जांच के तहत महाराष्ट्र में बिटकॉइन के राजनीतिक लेनदेन मामले से कथित तौर पर जुड़े एक ऑडिट कंपनी के कर्मचारी के छत्तीसगढ़ स्थित परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गौरव मेहता के घर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली गई।
उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान ईडी ने मेहता से पूछताछ की और उसके बयान दर्ज किए। जांच एजेंसी ने कुछ कंप्यूटर और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए।
मेहता को कथित क्रिप्टोकरेंसी मामले की जांच के तहत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी तलब किया है।
ईडी ने मेहता के परिसरों पर ऐसे दिन छापे मारे, जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ।
मामले में मेहता की कथित भूमिका उस समय सामने आई, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता एवं बारामती से सांसद सुप्रिया सुले तथा कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले की कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनाई और आरोप लगाया कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने का प्रयास किया जा रहा था।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी ने बिटकॉइन पोंजी घोटाला मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है और मेहता व कुछ अन्य लोगों के नेताओं, नौकरशाहों व उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ “संबंधों” की पड़ताल कर रही है।
अप्रैल में एजेंसी ने इस क्रिप्टो-पोंजी जांच के तहत अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की 98 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। दंपति ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती दी थी, जिसके बाद बंबई उच्च न्यायालय से उन्हें राहत मिल गई थी।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कुछ ऑडियो क्लिप साझा कीं, जिनमें सुले और पटोले की कथित आवाज एवं ‘सिग्नल चैट’ शामिल हैं, जो कथित तौर पर संकेत देते हैं कि महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अभियान के वित्त पोषण के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल किया गया।
त्रिवेदी ने दावा किया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) को चुनाव में उसकी हार स्पष्ट रूप से नजर आ रही है।
सुले ने आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उन्होंने झूठे आरोपों के खिलाफ निर्वाचन आयोग तथा राज्य के साइबर अपराध विभाग में शिकायत दर्ज कराई है।
सुले ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि वह ‘‘गौरव मेहता को नहीं जानतीं।’’
पटोले ने भी भाजपा के आरोपों को खारिज किया और कहा, ‘‘प्रसारित की जा रही क्लिप में मेरी आवाज नहीं है। यहां तक कि (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी भी मेरी आवाज पहचानते हैं।’’
मेहता का नाम भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने भी लिया था, जिन्हें 2018 के क्रिप्टोकरेंसी ‘‘धोखाधड़ी’’ मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसकी जांच पुणे पुलिस कर रही है।
पाटिल ने आरोप लगाया कि सुले ने मेहता को तीन ‘वॉयस नोट’ भेजे थे, जिनमें वह मेहता से बिटकॉइन भुनाने के लिए कह रही हैं क्योंकि चुनाव के लिए धन की जरूरत थी।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वह मेहता को आश्वासन देती हैं कि उन्हें जांच के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।
ईमेल के माध्यम से निर्वाचन आयोग को भेजी गई अपनी शिकायत में पाटिल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मेहता के पास वर्तमान में गलत तरीके से इस्तेमाल किए गए बिटकॉइन हैं जो करोड़ों रुपये मूल्य के हैं।
क्रिप्टो-पोंजी मामले में ईडी की धनशोधन जांच महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा वैरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी; (दिवंगत) अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, सिम्पी भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज नामक व्यक्तियों; और कई ‘मल्टी-लेवल मार्केटिंग एजेंट’ के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है।
आरोप है कि आरोपियों ने बिटकॉइन के रूप में प्रति माह 10 प्रतिशत मुनाफे के ‘‘झूठे वादे’’ के साथ जनता से बिटकॉइन के रूप में भारी मात्रा में धनराशि (2017 में 6,600 करोड़ रुपये) एकत्र की।
ईडी ने आरोप लगाया था कि बिटकॉइन का उपयोग खनन के लिए किया जाना था और निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी के रूप में भारी मुनाफा मिलना था, लेकिन प्रवर्तकों ने निवेशकों को ‘‘धोखा’’ दिया और ‘‘गलत तरीके से प्राप्त’’ बिटकॉइन को ऑनलाइन वॉलेट में छिपा दिया।
एजेंसी ने कहा कि कुंद्रा ने यूक्रेन में बिटकॉइन खनन फार्म स्थापित करने के लिए गेन बिटकॉइन पोंजी घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता और प्रवर्तक अमित भारद्वाज से 285 बिटकॉइन प्राप्त किए थे।
ईडी ने कहा कि ये बिटकॉइन अमित भारद्वाज द्वारा भोले-भाले निवेशकों से एकत्रित ‘‘अपराध की आय’’ से प्राप्त किए गए थे।
एजेंसी ने पिछले साल इस मामले में तीन लोगों- सिम्पी भारद्वाज, नितिन गौड़ और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने कहा कि मुख्य आरोपी अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज फरार हैं। उसने कहा कि वह पहले भी इस मामले में 69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है।
इस मामले में अब तक दो आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। पहला आरोपपत्र जून 2019 में और दूसरा इस साल फरवरी में दाखिल किया गया था।
भाषा पारुल