रामकृष्ण मिशन आश्रम ने परिसर में हुई झड़पों की न्यायिक या सीबीआई जांच की मांग की
आशीष अविनाश
- 18 Nov 2024, 08:35 PM
- Updated: 08:35 PM
शिमला, 18 नवंबर (भाषा) रामकृष्ण मिशन आश्रम परिसर में दो समूहों के बीच झड़प में सात लोगों के घायल होने के एक दिन बाद, आश्रम के सदस्यों ने सोमवार को आश्रम की संपत्ति के स्वामित्व को लेकर कथित तौर पर हुई हिंसा की न्यायिक जांच या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की।
विधानसभा के पास स्थित आश्रम परिसर में शनिवार रात झड़पें हुईं। दोनों समूहों के 25 से अधिक लोगों के खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की गई है।
आश्रम के न्यासी ललित ठाकुर और सचिव स्वामी तन्महिमानंद ने सोमवार को यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने सात नवंबर को पुलिस को पत्र लिखकर आशंका जताई थी कि कुछ लोग आश्रम पर कब्जा करने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
तन्महिमानंद ने कहा, ‘‘अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो स्थिति को टाला जा सकता था।’’ उन्होंने घटना की न्यायिक जांच या सीबीआई जांच की मांग की।
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि आश्रम के सदस्यों पर भी मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने पूरी घटना में शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी की भूमिका पर सवाल उठाया और कहा कि बाहर से आए लोगों की पहचान दर्ज किए बिना उन्हें जाने दिया गया।
स्वामी तन्महिमानंद ने कहा कि यह झड़प शिमला स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम से जुड़े लोगों और विशाल शर्मा नामक व्यक्ति के नेतृत्व में भूमि कब्जा करने वालों/अतिक्रमणकारियों के बीच हुई। उन्होंने कहा कि शर्मा कभी आश्रम का माली था और उसने बाद में एक फर्जी ट्रस्ट बना लिया था। उन्होंने कहा कि आश्रम के सदस्यों और हिमालयन ब्रह्म समाज के सदस्यों के बीच झड़प नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि अदालत ने विशाल शर्मा और कुछ यूनियन नेताओं को अपने ट्रस्ट के लिए हिमालयन ब्रह्म समाज नाम का इस्तेमाल करने से रोक दिया है।
संपर्क करने पर एसपी गांधी ने कहा कि आश्रम को महीनों से पुलिस सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
एसपी ने बताया कि झड़प के संबंध में दोनों समूहों के 25 से अधिक लोगों के खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की गई है और उनमें से कुछ की पहचान भी हो गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) का भी विश्लेषण कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि किसने लोगों को परिसर में बुलाया और उन्हें उकसाया।
एसपी ने कहा कि शनिवार शाम को बुजुर्ग महिलाओं समेत बड़ी संख्या में लोग, प्रार्थना करने के लिए आश्रम परिसर में दाखिल हुए और रात में भी अपनी प्रार्थना जारी रखने की इच्छा जताई। लेकिन संपत्ति पर कब्जा रखने वाले रामकृष्ण मिशन आश्रम के सदस्यों ने इसका विरोध किया और कहा कि आश्रम रात में बंद हो जाता है।
आश्रम के पदाधिकारियों ने बताया कि संभावित कब्जे के प्रयास की आशंका को देखते हुए आश्रम के अधिकारियों ने सहायता के लिए पुलिस और प्रशासन को बुलाया।
भाषा आशीष