भारत में स्वास्थ्य देखभाल खर्च जीडीपी के दो प्रतिशत से कम: रंगराजन
वैभव माधव
- 15 Nov 2024, 04:36 PM
- Updated: 04:36 PM
हैदराबाद, 15 नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने शुक्रवार को कहा कि भारत का स्वास्थ्य सेवा व्यय वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो प्रतिशत से भी कम है और सरकारों को इसे तत्काल बढ़ाना चाहिए।
आईसीएफएआई फाउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन (आईएफएचई) में रंगराजन ने ‘स्वास्थ्य सेवा व्यय बढ़ाने से पहले कुशल निधि उपयोग सुनिश्चित करने’ के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में, स्वास्थ्य सेवा व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के कम से कम 2.8 प्रतिशत तक बढ़ाने पर लगातार चर्चा हो रही है। हालांकि, मौजूदा आंकड़ों से संकेत मिलता है कि हम सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1.8 या 1.9 प्रतिशत ही खर्च कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सरकारों को स्वास्थ्य सेवा व्यय बढ़ाना चाहिए, मुफ्त सेवाएं प्रदान करने वाले अस्पताल स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन निधियों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में तेजी लाने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, भारत की सामाजिक व्यय प्रणाली में, स्वास्थ्य की तुलना में शिक्षा के लिए अधिक संसाधन आवंटित किए जाते हैं, जो आदर्श दृष्टिकोण नहीं हो सकता है।’’
अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं पर टिप्पणी करते हुए, रंगराजन ने कहा कि बीमा से जुड़ी चिकित्सा सेवाओं की भारत में सीमित प्रासंगिकता है, जबकि विकसित देशों में ये आम हैं।
उन्होंने ‘‘अधिक संस्थानों की स्थापना के लिए क्रॉस-सब्सिडी सिद्धांतों की वकालत की जो गरीब और अमीर दोनों की सेवा कर सकते हैं।’’
इस कार्यक्रम में एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट, हैदराबाद के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. गुल्लापल्ली एन राव भी शामिल हुए, जिन्होंने 13वां एनजे यशस्वी स्मृति व्याख्यान दिया।
भाषा वैभव