एक परिवार, एक पार्टी के लिए स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासियों के योगदान की अनदेखी की गई: मोदी
अनवर मनीषा नेत्रपाल
- 15 Nov 2024, 03:47 PM
- Updated: 03:47 PM
जमुई, 15 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि ‘‘केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।’’
वह महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर बिहार की राजधानी पटना से लगभग 200 किलोमीटर दूर जमुई जिले के खैरा गांव में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आज जब हम जनजातीय गौरव वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं तब यह समझना भी बहुत जरूरी है कि आयोजन की आवश्यकता क्यों हुई। यह इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास है। आजादी के बाद आदिवासी समाज के योगदान को इतिहास में वह स्थान नहीं दिया गया जिसका मेरा आदिवासी समाज हकदार था।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आदिवासी समाज वह है, जितने राजकुमार राम को भगवान राम बनाया। आदिवासी समाज वह है, जिसने भारत की संस्कृति और आजादी की रक्षा के लिए सैकड़ों वर्षों की लड़ाई को नेतृत्व दिया लेकिन आजादी के बाद के दशकों में आदिवासी इतिहास के इस अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिशें की गईं। इसके पीछे भी स्वार्थ भरी राजनीति थी। राजनीति यह कि भारत की आजादी के लिए सिर्फ एक ही दल को श्रेय दिया जाए।’’
उन्होंने पूछा कि अगर एक ही दल, एक ही परिवार ने आजादी दिलाई तो भगवान बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन क्यों हुआ था, संथाल क्रांति क्या थी, कोल क्रांति क्या थी।
प्रधानमंत्री ने आजादी की लड़ाई में देश के आदिवासी समाज के लोगों की चर्चा करते हुए कहा कि क्या उन शूरवीरों को कोई भुला सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘संस्कृति हो या फिर सामाजिक न्याय, आज की राजग सरकार का मानक कुछ अलग ही है। मैं इसे भाजपा ही नहीं, बल्कि राजग का सौभाग्य मानता हूं कि हमें द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बनाने का अवसर मिला। वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। मुझे याद है कि जब राजग ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना तय किया तो हमारे नीतीश बाबू ने अपील की थी कि मुर्मू को भारी मतों से जिताया जाना चाहिए।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज पीएम-जनमन योजना के तहत अनेक काम शुरू हुए हैं उसका श्रेय भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को ही जाता है। जब वह झारखंड की राज्यपाल थीं और फिर जब वह राष्ट्रपति बनीं तो उन्होंने अकसर मुझसे आदिवासियों में भी अति पिछडी जनजातियों का जिक्र किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन अति पिछड़ी आदिवासी जनजातियों की पहले की सरकारों ने कोई परवाह ही नहीं की थी। इनके जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए ही 24,000 करोड़ रुपये की पीएम- जनमन योजना शुरू की गई। पीएम जनमन योजना से देश की सबसे पिछड़ी जनजातियों की बस्तियों का विकास सुनिश्चित हो रहा है। आज इस योजना को एक साल पूरा हो रहा है। इस दौरान हमने अति पिछड़ी जनजातियों को हजारों पक्के घर दिए। पिछड़ी जनजातियों की बस्तियों को जोड़ने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की सड़कों पर काम शुरू हो चुका है। पिछड़ी जनजातियों के सैकड़ों गांव में हर घर नल से जल पहुंचा है।’’
मोदी ने कहा कि जिनको किसी ने नहीं पूछा मोदी उनको पूजता है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के रवैये के कारण आदिवासी समाज दशकों तक मूल सुविधाओं से वंचित ही रहा।
अपनी सरकार द्वारा आदिवासी और जनजाति समाज के लिए किए जा रहे विकास कार्यों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि आदिवासी कल्याण हमेशा से राजग सरकार की प्राथमिकता रहा है और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ही थी जिसने आदिवासी कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाया।
उन्होंने कहा, ‘‘10 साल पहले आदिवासी क्षेत्रों, आदिवासी परिवारों के विकास के लिए बजट 25,000 करोड़ रुपये भी कम था। हमारी सरकार ने इसे पांच गुना बढ़ाकर सवा लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाया है। अभी कुछ दिन पहले ही देश के 7,000 से अधिक आदिवासी गांवों के विकास के लिए एक विशेष योजना ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ हमने शुरू किया है। इसके तहत करीब 80,000 करोड़ रुपये आदिवासी गांवों के लिए खर्च किए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि वह यह जानकारी भी देना चाहते हैं कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में देश के आदिवासी बाहुल्य जिलों में बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव उपवन बनाए जाएंगे।
मोदी ने कहा, ‘‘बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव उपवन में 500-1000 वृक्ष लगाए जाएंगे। मुझे पूरा भरोसा है इसके लिए सभी का साथ मिलेगा, सबका सहयोग मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का उत्सव हमें बड़ी संकल्पना तय करने की प्रेरणा देता है। हम मिलकर देश के आदिवासी विचारों को नए भारत के निर्माण का आधार बनाएंगे। हम मिलकर आदिवासी समाज की विरासत को सहेजेंगे। हम मिलकर उन परंपराओं से सीखेंगे जो सदियों से आदिवासी समाज ने संरक्षित कर रखी हैं। ऐसा करके ही हम सही मायने में एक सशक्त समृद्ध और सशक्त भारत का निर्माण कर पाएंगे।’’
समारोह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी संबोधित किया।
भाषा अनवर मनीषा