शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक सेहत को भी प्रभावित कर सकता है वायु प्रदूषण: चिकित्सक
वैभव रंजन
- 14 Nov 2024, 07:30 PM
- Updated: 07:30 PM
नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के बिगड़ने के बीच, यहां के चिकित्सकों ने कहा कि इसका असर सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर भी इसका असर है, जो व्यक्ति के मिजाज और भावनात्मक क्षमता को प्रभावित करता है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के एक दिन बाद, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने लोगों को बाहरी गतिविधियों को कम करने, पानी अधिक से अधिक पीने, बाहर निकलते समय एन95 मास्क पहनने और घर के अंदर ‘एयर प्यूरीफायर’ का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया।
गुरुग्राम में पारस हेल्थ के श्वसन चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अरुणेश कुमार ने कहा कि त्योहारों के बाद प्रदूषण के प्रभाव से शरीर को बचाने के लिए, खासकर सुबह और देर शाम के समय बाहरी गतिविधियों को सीमित करने की जरूरत है, जब वायु गुणवत्ता आमतौर पर खराब होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर बाहर जाना जरूरी है, तो एन 95 मास्क पहनने से हानिकारक कणों को फिल्टर करने में मदद मिल सकती है। घर के अंदर, एचईपीए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह पार्टिकुलेट मैटर को काफी हद तक कम कर सकता है।’’
कुमार ने कहा, ‘‘इसके अलावा, एलोवेरा और स्नेक प्लांट जैसे इनडोर पौधे रखने से प्राकृतिक रूप से वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।’’
बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर के साथ, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में, इसके प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़े हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और आरोग्य सेवा संगठन ‘मनस्थली’ की संस्थापक-निदेशक और वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. ज्योति कपूर ने कहा, ‘‘चूंकि हम पीएम 2.5 और जहरीले रसायनों जैसे हानिकारक प्रदूषकों के संपर्क में हैं, इसलिए हम मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं, जिसमें बढ़ी हुई चिंता, तनाव और यहां तक कि अवसाद भी शामिल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वायु प्रदूषण का प्रभाव हमारे फेफड़ों या हृदय तक ही सीमित नहीं है। हमारे मूड, ध्यान और भावनात्मक लचीलेपन को प्रभावित करता है।’’
डॉ. कपूर ने कहा, ‘‘स्वच्छ हवा और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर, हम न केवल अपने शरीर की रक्षा करते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं, जिससे एक अधिक संतुलित और स्वस्थ शहरी जीवनशैली बनती है।’’
‘स्टीडफास्ट न्यूट्रिशन’ के संस्थापक अमन पुरी ने कहा कि एक स्वस्थ, संतुलित भोजन इन प्रदूषकों के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा के रूप में कार्य कर सकता है।
विशेषज्ञों ने आहार में भी ऐसे पदार्थ लेने पर जोर दिया जो प्रदूषण के असर को कमजोर कर सकें।
भाषा वैभव