केरल में माकपा नेता जयराजन की ‘अप्रकाशित आत्मकथा’ को लेकर विवाद पैदा हुआ
अमित माधव
- 13 Nov 2024, 06:45 PM
- Updated: 06:45 PM
तिरुवनंतपुरम, 13 नवंबर (भाषा) केरल में वायनाड लोकसभा सीट और चेलक्करा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए जारी मतदान के बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता ई पी जयराजन की आत्मकथा को लेकर बुधवार को नया विवाद पैदा हो गया है जो अभी प्रकाशित नहीं हुई है।
कुछ समाचार चैनलों ने कथित आत्मकथा के अंश आज सुबह प्रसारित किए जिसमें वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की सरकार और माकपा के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणियां हैं।
उपचुनाव वाले दिन इस मामले से बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा होने पर जयराजन ने किताब के अंशों को खारिज किया और दावा किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं लिखा है और उन्होंने अपनी पुस्तक लिखने का काम पूरा नहीं किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने जहां एक ओर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे मार्क्सवादी पार्टी के नेताओं के बीच बढ़ती अंदरूनी कलह और असंतोष उजागर हो गया है, वहीं माकपा नेतृत्व ने सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया व्यक्त की लेकिन जयराजन की खुलकर आलोचना नहीं की।
कथित पुस्तक के स्थानीय मीडिया द्वारा प्रसारित अंशों में जयराजन को एलडीएफ संयोजक के पद से हटाने के पार्टी के फैसले और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के पूर्व डिजिटल मीडिया संयोजक पी. सरीन को पलक्कड में एलडीएफ समर्थिक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनने के फैसले की आलोचना की गई है।
‘‘कत्तन चयायुम परिप्पुवदायुम : द लाइफ ऑफ ए कम्युनिस्ट’’ नामक पुस्तक कथित तौर पर एक जाने-माने प्रकाशक द्वारा प्रकाशित की जा रही है, जिसने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया खाते पर इसका आवरण जारी किया।
प्रकाशक ने पहले घोषणा की थी कि यह किताब बुधवार को प्रकाशित की जाएगी। हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ तकनीकी मुद्दों के कारण किताब का प्रकाशन स्थगित कर दिया गया है।
जयराजन ने पुस्तक की सामग्री को खारिज किया जो अभी प्रकाशित होनी है और कहा कि वह अब भी अपनी आत्मकथा लिख रहे हैं और यह अभी पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि इसके विमोचन की घोषणा करने वाले प्रकाशक सहित दो प्रकाशकों ने प्रकाशन अधिकार के लिए उनसे संपर्क किया है, लेकिन उन्होंने किसी को भी अधिकार नहीं दिए हैं।
जयराजन ने मीडिया से कहा, ‘‘ये अंश बिल्कुल निराधार हैं। मैंने अपनी किताब में ऐसा कुछ नहीं लिखा है और न ही ऐसा कुछ लिखने का इरादा है।’’
साथ ही उन्होंने मतदान वाले दिन किताब के इन अंशों को जारी करने को ‘‘सोचा-समझा कदम’’ बताया और कहा कि इसकी जांच की जानी चाहिए कि प्रकाशक को ऐसी सामग्री कैसे मिली।
प्रतिक्रिया मांगे जाने पर, माकपा पोलित ब्यूरो समन्वयक प्रकाश करात और प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने स्पष्ट किया कि पार्टी इस मामले में जयराजन द्वारा कही गई बातों पर विश्वास करती है और मौजूदा विवाद मीडिया की देन है।
गोविंदन ने कहा कि जयराजन ने खुलेआम कहा है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं लिखा है, जैसा मीडिया दावा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जयराजन ने स्पष्ट किया है कि वह प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे... अब पार्टी जो कर सकती है, वह यह है कि वह उनकी कही गई बातों पर विश्वास करे... मीडिया जानबूझकर झूठ फैलाने की कोशिश कर रहा है।’’
करात हालांकि ज्यादा विस्तार से बताने को तैयार नहीं थे और उन्होंने कहा कि यह एक चुनावी चाल है। उनके अनुसार जयराजन ने कहा है कि ऐसा कुछ भी लिखा या प्रकाशित नहीं किया गया है।
वहीं चेलक्करा में एलडीएफ प्रत्याशी यू आर प्रदीप ने कहा कि उन्हें इस घटनाक्रम की कोई जानकारी नहीं है और पार्टी नेतृत्व इस विवाद पर जवाब देगा।
देवस्वओम मंत्री वी एन वासवन ने कहा कि विवाद का कोई मतलब नहीं है क्योंकि पुस्तक अभी प्रकाशित नहीं हुई है। वासवन ने कहा, ‘‘यह उस बच्चे की कुंडली पढ़ने जैसा है जो अभी पैदा नहीं हुआ है।’’
केपीसीसी प्रमुख के सुधाकरन ने कहा कि जयराजन के खुलासे माकपा में उनके बने रहने और भविष्य को लेकर चिंता पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इन खुलासों से मार्क्सवादी पार्टी के भीतर पनप रहा असंतोष उजागर हो गया है।
उन्होंने कहा कि अब वाम नेताओं ने अपने असंतोष के बारे में बोलना शुरू कर दिया है। उन्होंने जयराजन के इस दावे को भी "झूठा" बताते हुए खारिज कर दिया कि उन्होंने ऐसा कुछ भी विवादास्पद नहीं लिखा है और वे प्रकाशक पर मुकदमा करेंगे। सुधाकरन ने कहा, ‘‘यह एक बहुत प्रसिद्ध और स्थापित प्रकाशन समूह है जिसकी विरासत बहुत अच्छी है। कोई भी उनके (जयराजन) दावे पर विश्वास नहीं करेगा।’’
इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने जयराजन की ‘‘उनके खुले खुलासे’’ के लिए सराहना की और उसने कहा कि उन्हें राज्य में किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके परिवार ने पार्टी और सरकार को ‘हाईजैक’ कर लिया है। जयराजन ने सरकार और माकपा के खिलाफ तीखी आलोचना की है। मार्क्सवादी पार्टी पूरी तरह से पतन की ओर बढ़ रही है।’’
कांग्रेस के कई नेताओं ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे माकपा नेताओं के बीच अंदरूनी कलह और मतभेद उजागर हो गए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि चुनाव के दिन जारी की गई पुस्तक की सामग्री का बहुत बड़ा राजनीतिक महत्व है।
विधायक टी सिद्दीकी ने कहा कि पुस्तक में जयराजन की कथित टिप्पणी चेलक्करा और वायनाड उपचुनाव में मतदान को प्रभावित करेगी।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य जयराजन को हाल ही में एलडीएफ संयोजक के पद से हटा दिया गया था।
भाषा अमित