सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री से कोविड-19 प्रबंधन में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलने को कहा
योगेश अविनाश
- 13 Nov 2024, 06:45 PM
- Updated: 06:45 PM
मैसूरु (कर्नाटक), 13 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के दौरान कोविड-19 प्रबंधन में हुए कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलना चाहिए।
जब सिद्धरमैया से पूछा गया कि प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शराब विक्रेताओं से 700 करोड़ रुपये जुटाए हैं, तो उन्होंने उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
सिद्धरमैया ने पूछा कि कोविड-19 प्रबंधन में कथित अनियमितताओं के बारे में प्रधानमंत्री का क्या कहना है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि एक ‘पीपीई किट’ जिसकी कीमत 330 रुपये थी, उसे राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2,100 रुपये प्रति किट से अधिक की कीमत पर खरीदा।
सिद्धरमैया ने कहा, "सारे घोटाले भाजपा सरकार के दौरान हुए। हमारी सरकार ने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया और न ही इस तरह के कृत्यों में लिप्त होगी। प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "वह इसे (आरोपों को) साबित करें, अगर वह ऐसा कर देते हैं, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा (अगर आरोप साबित हो गये)। अगर वह इसे साबित करने में विफल रहे तो क्या वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे? झूठ बोलने की भी कोई सीमा होनी चाहिए।"
मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के भूखंड आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच पर सिद्धरमैया ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जिससे भी पूछताछ करना चाहे, कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं ईडी की जांच पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि वह एक झूठे मामले की जांच कर रही है।"
बेल्लारी ग्रामीण के कांग्रेस विधायक बी नागेंद्र को मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने के सवाल पर सिद्धरमैया ने कहा कि विधायक ने मंगलवार को इस संबंध में उनसे बात की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने नागेन्द्र से कहा है कि कर्नाटक में तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव समाप्त होने के बाद वह इस पर विचार करेंगे।
अनुसूचित जनजाति कल्याण, युवा सशक्तीकरण और खेल मंत्री रहे नागेंद्र ने राज्य सरकार द्वारा संचालित 'कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम' में कथित घोटाले को लेकर इस वर्ष जून में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैसूर और चामराजनगर जिलों में बांदीपुर बाघ अभयारण्य में रात में यातायात पर लगा प्रतिबंध हटाने का सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।
भाषा
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