भाजपा सोयाबीन, कपास के उचित दाम नहीं देती, किसान निराश: राहुल गांधी
धीरज प्रशांत
- 12 Nov 2024, 08:59 PM
- Updated: 08:59 PM
नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास किसान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की ‘‘किसान विरोधी’’ नीतियों के कारण हताश और निराश हैं।
उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य में विपक्षी गठबंधन ‘महा विकास आघाडी’(एमवीए) की सरकार बनने के बाद उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘सोयाबीन की कीमतें 2021 में 10,000 रुपये तक थीं लेकिन अब किसान एमएसपी से भी कम दाम में बेचने को मजबूर हैं। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,892 रुपये है लेकिन किसानों को 4,200 रुपये के आसपास या उससे भी कम पर बेचना पड़ रहा है। कई किसानों को तो और भी कम कीमत मिल रही है। अच्छी उपज के बावजूद सही दाम नहीं मिलने से सोयाबीन के किसान बेहद परेशान हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महाविकास आघाडी किसानों की तकलीफ को समझती है। हम सरकार बनाते ही सही दाम देने के लिए रास्ता निकालेंगे।’’
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं।
गांधी ने कहा, ‘‘आज किसानों के साथ ‘जूम’ के माध्यम से बातचीत के दौरान मैंने यह भी दोहराया कि उन्हें राहत देने के लिए हमने ‘कृषि समृद्धि’ के तहत 3 लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की गारंटी दी है। साथ ही ‘महालक्ष्मी’ के तहत परिवार की महिलाओं के खातों में 3000 रुपये प्रति माह मिलने से भी उन्हें काफी राहत मिलेगी।’’
राहुल गांधी को सोयाबीन और कपास किसानों की एक रैली को संबोधित करने के लिए महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के चिखली का दौरा करना था। लेकिन मंगलवार को दिल्ली से उनकी उड़ान में तकनीकी खराबी आने के बाद उनकी रैली रद्द कर दी गई।
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। मुझे एक जनसभा को संबोधित करना था और सोयाबीन किसानों से बातचीत करनी थी। सोयाबीन और कपास किसान गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं।’’
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि भाजपा सरकार सोयाबीन और कपास किसानों को उचित मूल्य नहीं देती है। जैसे ही ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार सत्ता में आएगी, हम आपकी समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करेंगे।’’
भाषा धीरज