आप ने लाहौर में भगत सिंह के नाम पर चौक का नाम रखने की योजना को रद्द करने की निंदा की
प्रशांत अविनाश
- 11 Nov 2024, 09:44 PM
- Updated: 09:44 PM
चंडीगढ़, 11 नवंबर (भाषा) पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को पाकिस्तान के लाहौर में शादमान चौक का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने के प्रस्ताव को रद्द किये जाने की निंदा की।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी के जिला प्रशासन ने लाहौर उच्च न्यायालय को बताया कि एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी की राय के मद्देनजर प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया, जिसमें भगत सिंह की एक प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव भी शामिल था।
सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, जिन्हें सरकार ने इस मामले में एक समिति में शामिल किया था, ने अपनी टिप्पणियों में दावा किया कि सिंह “क्रांतिकारी नहीं थे, बल्कि एक अपराधी थे, आज की भाषा में वे एक आतंकवादी थे, उन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की थी और इस अपराध के लिए उन्हें दो साथियों के साथ फांसी पर लटका दिया गया था।”
टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आप नेता और आनंदपुर साहिब से सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि पार्टी इस “अपमान” को बर्दाश्त नहीं करेगी और उन्होंने केंद्र सरकार से पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “दिल्ली और पंजाब की आप सरकारों ने सभी सरकारी कार्यालयों में शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब डॉ बी.आर. आंबेडकर की तस्वीरें लगाने का ऐतिहासिक फैसला किया है। आज दिल्ली और पंजाब के हर सरकारी दफ्तर में उनकी तस्वीरें लगी हुई हैं।”
कंग ने कहा कि जब भगत सिंह को फांसी दी गई तो वह जितने भारत के थे उतने ही पाकिस्तान के भी थे।
सासंद ने कहा, “पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि जब भगत सिंह को फांसी दी गई थी, तब देश का बंटवारा नहीं हुआ था। उस समय मुद्दा यह नहीं था कि भगत सिंह भारत के थे या पाकिस्तान के। मुद्दा सिर्फ अंग्रेजों से आजादी पाने का था, जिन्होंने 200 साल तक भारत पर राज किया।”
उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी को देश के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को उनका सम्मान करना चाहिए।”
कंग ने कहा कि यह दुखद है कि पाकिस्तान की पंजाब सरकार के सहायक महाधिवक्ता असगर लेघारी ने उच्च न्यायालय में लाहौर महानगर निगम का प्रतिनिधित्व करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि लाहौर की शहीद-ए-आजम वेलफेयर सोसायटी कई वर्षों से इस मुद्दे के लिए लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि चौक का नाम बदलकर शहीद-ए-आजम भगत सिंह चौक रखने की मांग जायज है, क्योंकि भगत सिंह ने लाहौर में पढ़ाई की थी।
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