प्रयागराज: छात्रों का आंदोलन जारी, मोबाइल टार्च जलाकर एकता प्रदर्शित की
राजेंद्र जोहेब अमित
- 11 Nov 2024, 09:26 PM
- Updated: 09:26 PM
प्रयागराज, 11 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) ‘प्री’ और समीक्षा अधिकारी (आरओ) सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की परीक्षा दो दिन कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों ने सोमवार सुबह से यहां लोक सेवा आयोग के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू किया जो देर शाम तक जारी है। दिन ढलने के साथ हजारों की संख्या में छात्रों ने मोबाइल टार्च जलाकर एकता प्रदर्शित की।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के आसपास भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने छात्रों को गेट नंबर दो की तरफ आने से रोका, लेकिन भारी संख्या में छात्र-छात्राओं की भीड़ बैरिकेड को पार करते हुए गेट के पास पहुंची और धरने पर बैठ गई। पुलिस ने छात्रों की भीड़ तितर-बितर करने के लिए उन्हें खदेड़ा, लेकिन आंदोलनरत छात्र फिर से वहां एकत्रित हो गए।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है। लोक सेवा आयोग में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी। हम फिर दोहराते हैः नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं।”
पुलिस उपायुक्त (नगर) अभिषेक भारती ने कहा कि अपर पुलिस आयुक्त एन कोलांची और अन्य अधिकारी आंदोलन कर रहे छात्रों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं और आयोग के भीतर अधिकारियों की समाधान निकालने के लिए वार्ता जारी है।
लोक सेवा आयोग के गेट के सामने धरने पर बैठे छात्रों के हाथों में अलग-अलग नारे लिखी तख्तियां थीं, जिसमें किसी में लिखा था “बटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे”, तो किसी में लिखा था, “एक दिन, एक परीक्षा”।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र विमल त्रिपाठी ने कहा, “बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आयोग परीक्षा के पहले एक अधिसूचना जारी करके कहता है कि आरओ-एआरओ और पीसीएस ‘प्री’ की परीक्षा दो दिन में कराई जाएगी। हम छात्रों की मांग है कि पूर्व की भांति परीक्षा एक दिन में ही संपन्न कराई जाए।”
त्रिपाठी ने कहा, “आयोग का कहना है कि वह 41 जिलों में सरकारी विद्यालयों में ही ये परीक्षाएं करा सकता है क्योंकि उसके पास सीमित केंद्र हैं। आयोग के पास केवल परीक्षाएं कराने की जिम्मेदारी है और वह इस जिम्मेदारी को भी पूरी करने में असमर्थ है। आखिर प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षाएं एक ही दिन में क्यों संपन्न नहीं कराई जा सकती हैं।”
वहीं छात्रा मनोरमा सिंह ने कहा कि आयोग द्वारा दो दिन में परीक्षा कराना नियम के खिलाफ है। अधिसूचना में आयोग ने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि परीक्षा दो दिनों में करायी जाएगी। छात्र चाहते हैं कि एक ही दिन में परीक्षा संपन्न करायी जाए।
आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की। इसके तहत पीसीएस ‘प्री’ की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ एवं एआरओ) ‘प्री’ की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है।
भाषा राजेंद्र जोहेब