कांग्रेस और ‘आप’ खोटे सिक्के, पंजाब की जनता आ चुकी है तंग: अनुराग ठाकुर
जितेंद्र शफीक
- 11 Nov 2024, 06:14 PM
- Updated: 06:14 PM
चंडीगढ़, 11 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) को ‘खोटे सिक्के’ करार देते हुए कहा कि पंजाब के लोग इन दोनों दलों के ‘भ्रष्टाचार’ से तंग आ चुके हैं।
ठाकुर ने बरनाला विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार केवल सिंह ढिल्लों के लिए प्रचार करते हुए यह टिप्पणी की।
प्रदेश की चार विधानसभा सीट गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और बरनाला पर उपचुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
ठाकुर ने बरनाला में कहा, ‘‘दोनों पार्टियां लोगों से ‘झूठे’ वादे कर लोगों को ठगने की कोशिश करती हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि 2024 लोकसभा चुनावों में पंजाब में भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘पंजाब के लोग भ्रष्ट ‘आप’ और कांग्रेस से तंग आ चुके हैं। ये दोनों पार्टियां ‘खोटे सिक्के’ हैं। लोग विकल्प की तलाश में हैं। लोग भाजपा को एक सुनहरे विकल्प के रूप में देख रहे हैं और अगर पार्टी (सत्ता में) आती है तो पंजाब आगे बढ़ेगा।’’
ठाकुर ने भगवंत मान सरकार पर अपने चुनावी वादों को पूरा न करने और महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने ‘वैट’ बढ़ाकर ईंधन की कीमतें बढ़ा दीं और कानून-व्यवस्था पर अपनी खराब पकड़ के कारण उद्योगपतियों को बाहर जाने के लिए मजबूर किया।
हमीरपुर से सांसद ठाकुर ने कहा, ‘‘न तो ‘आप’ सरकार के पास कोई नीति है और न ही कोई साफ नीयत। पंजाब में अपराध, जबरन वसूली और हत्या की खबरें रोजाना आती रहती हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि राज्य में मुख्यमंत्री है या नहीं।”
उन्होंने कहा, ‘‘न जवान, न किसान और न ही नौजवान ‘आप’ से कोई भी खुश नहीं हैं।”
ठाकुर ने यह भी दावा किया कि धान खरीद का मुद्दा मान सरकार के कुप्रबंधन के कारण पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार धान उठान में ‘धीमी’ गति और डीएपी खाद की कमी के लिए केंद्र को दोषी ठहरा रही है।
ठाकुर ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद यहां की सरकार सो गई। मुझे लगता है कि भगवंत मान तीन महीने की छुट्टी पर चले गए हैं। कोई बैठक नहीं हुई है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘केंद्र ने पंजाब को (फसल खरीद के लिए) 44,000 करोड़ रुपये भेजे। किसानों को मंडियों में फसल उठाने के लिए कई दिनों तक इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।’’
भाषा जितेंद्र