मॉरीशस : संसदीय चुनाव के लिए मतदान संपन्न, सत्ताधारी दल को सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद
संतोष पारुल
- 10 Nov 2024, 07:30 PM
- Updated: 07:30 PM
जोहानिसबर्ग, 10 नवंबर (एपी) मॉरीशस में लोगों ने संसदीय चुनाव के लिए रविवार को मतदान किया। अफ्रीका के सबसे स्थिर लोकतंत्रों में से एक इस देश के चुनाव में सत्तारूढ़ दल प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के पांच साल के दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने की उम्मीद कर रहा है।
लोगों ने संसद की 62 सीट के लिए हुए चुनाव में मतदान किया, जबकि आठ सांसदों को ‘इलेक्टोरल सुपरवाइजरी काउंसिल’ नामित करती है।
जगन्नाथ की सरकार को हाल ही में आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब उसने ‘वायरटैपिंग’ घोटाले के बाद सोशल मीडिया वेबसाइट पर प्रतिबंध लगा दिया था। ‘वायरटैपिंग’ घोटाले के तहत नेताओं, व्यापारियों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों से जुड़ी बातचीत की रिकॉर्डिंग ऑनलाइन लीक कर दी गई थी।
हालांकि, कुछ दिनों के बाद प्रतिबंध हटा लिया गया, लेकिन इससे विपक्ष और नागरिक समाज में चिंता बढ़ गई।
वर्ष 1968 में मॉरीशस को ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद यह देश में 12वां संसदीय चुनाव है, जिसमें कम से कम 10 लाख लोगों ने मतदान के लिए पंजीकरण कराया था।
जगन्नाथ के ‘सेंटर-लेफ्ट मिलिटेंट सोशलिस्ट मूवमेंट’ के नेतृत्व वाले दलों के गठबंधन ने 2019 में उनके नेतृत्व को मजबूत करने के लिए संसद में अधिकांश सीट जीती थीं। विपक्षी नेता नवीन रामगुलाम का ‘अलायंस फॉर चेंज’ उन्हें कड़ी चुनौती दे रहा है।
मॉरीशस अफ्रीका के पूर्वी तट से लगभग 2,000 किलोमीटर (1,240 मील) दूर है और इसने अपने वित्त, पर्यटन और कृषि क्षेत्र के आधार पर एक सफल अर्थव्यवस्था विकसित की है।
अपने रमणीय उष्णकटिबंधीय समुद्र तटों के लिए लोकप्रिय यह द्वीपीय देश मानव विकास सूचकांक में सेशेल्स के बाद अफ्रीका में दूसरे स्थान पर है। मानव विकास सूचकांक नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता के आधार पर तय किया जाता है, जिसमें जीवन प्रत्याशा, शिक्षा तक पहुंच और प्रति व्यक्ति आय शामिल है।
विश्व बैंक ने मॉरीशस को उप-सहारा अफ्रीका के लिए सफलता का प्रतीक करार देते हुए कहा है कि इसने स्वतंत्रता के बाद से उल्लेखनीय आर्थिक विकास किया है। वर्ष 2020 में इसे कुछ समय के लिए एक उच्च आय वाले देश का दर्जा दिया गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी ने इसके पर्यटन क्षेत्र को पीछे धकेल दिया।
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