एमवीए तुष्टिकरण की राजनीति के लिए किसी हद तक गिर सकता है,पटोले मुस्लिम कोटे की मांग से सहमत: शाह
संतोष रंजन
- 10 Nov 2024, 08:23 PM
- Updated: 08:23 PM
जलगांव/बुलढाणा, 10 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने रविवार को कहा कि कांग्रेस नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले उलेमा काउंसिल की मुस्लिम आरक्षण की मांग से सहमत हैं।
शाह ने जलगांव जिले के रावेर विधानसभा क्षेत्र और बुलढाणा के मल्कापुर विधानसभा क्षेत्र में रैलियों को संबोधित करने के दौरान यह बात कही। इस दौरान उन्होंने उलेमा संघ द्वारा विपक्षी कांग्रेस को हाल ही में सौंपे गए एक ज्ञापन की ओर इंगित किया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है।
शाह ने बुलढाणा में कहा, ‘‘पटोले अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण खत्म करने और उलेमा काउंसिल की मांग के अनुसार इसे मुसलमानों को देने पर सहमत हो गए हैं।’’
उन्होंने रैली में कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग से दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लाभ प्रभावित होंगे, क्योंकि कोटे पर 50 प्रतिशत की सीमा है और कोई भी वृद्धि मौजूदा आरक्षण की कीमत पर होगी।
शाह ने कहा, ‘‘महा विकास आघाडी के नेताओं की सत्ता की लालसा ने उन्हें हाशिए के समुदायों पर उनके कार्यों के दीर्घकालिक परिणामों के प्रति अंधा कर दिया है। भाजपा सभी समुदायों के कल्याण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है, लेकिन मुसलमानों के लिए किसी भी प्रकार के आरक्षण के सख्त खिलाफ है। जब तक भाजपा का एक भी सांसद या विधायक यहां है, हम धर्म आधारित आरक्षण का विरोध करेंगे, यह हमारी प्रतिबद्धता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एमवीए के दलों ने अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण देश की सुरक्षा से समझौता किया है। वे वोटों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं।’’
कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार की आलोचना करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने दशकों तक राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही इस मुद्दे का समाधान अयोध्या में एक भव्य मंदिर के निर्माण के साथ हुआ।
शाह ने कहा कि राज्य के लिए भाजपा का दृष्टिकोण छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि महायुति महाराष्ट्र की संस्कृति और समृद्धि के संरक्षण पर केंद्रित सरकार का वादा करती है।
शाह ने शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे को चुनौती दी कि वह महा विकास आघाडी की सहयोगी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर और शिव सेना संस्थापक बाल ठाकरे की तारीफ कराकर दिखाएं।
शाह ने दावा किया कि 2019 और जून 2022 के बीच शासन करने वाली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के तहत महाराष्ट्र ने औद्योगिक विकास में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त खो दी और राज्य चौथे स्थान पर आ गया।
उद्योगों के महाराष्ट्र छोड़ने और नए उद्योगों के नहीं आने के दावे को लेकर उन्होंने विपक्षी दलों की आलोचना की। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि एमवीए राज्य के लिए कुछ भी अच्छा नहीं कर सकता।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि पिछली कांग्रेस नीत केंद्र सरकार के तहत आतंकी हमलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, जबकि राजग सरकार ने सीमा पार शिविरों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने का आदेश दिया।
वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन के मोदी सरकार के कदम की तारीफ करते हुए शाह ने कहा, ‘‘कर्नाटक में, गांवों, मंदिरों और कृषि भूमि को वक्फ भूमि में बदल दिया गया था। लेकिन केंद्र के संशोधन के बाद ऐसे अधिनियम संभव नहीं होंगे।’’
शाह ने कहा कि 2014 से 2024 के बीच मोदी सरकार ने महाराष्ट्र को 10,15,890 करोड़ रुपये आवंटित किए, जबकि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 10 साल के शासन के तहत यह आंकड़ा सिर्फ 1.51 लाख करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा, एमवीए लोगों को गुमराह कर रही है और अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।
उन्होंने दावा किया कि एमवीए महाराष्ट्र की रक्षा नहीं कर सकता क्योंकि उसके घटक राज्य या राष्ट्र के बजाय अपने हितों के बारे में चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एमवीए ने मुंबई की मेट्रो रेल लाइनों, तटीय सड़क, पुणे बाहरी लिंक रोड, धारावी पुनर्विकास और वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ने की परियोजना का विरोध किया। यहां तक कि (मुंबई-अहमदाबाद) बुलेट ट्रेन परियोजना में भी एमवीए के विरोध के कारण देरी हुई।’’
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश में उल्लेखनीय विकास हो रहा है और भारतीय अर्थव्यवस्था 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विकास केंद्रित ऐसी नीतियों की हिमायत करती रहेगी।
कांग्रेस पर आगे हमला करते हुए शाह ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की वकालत करने वाले काकासाहेब कालेलकर आयोग की सिफारिशों को जबकि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
शाह ने कहा, ‘‘यह मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ही थी जो पिछड़े समुदायों के लिए वास्तविक बदलाव लेकर आई।’’
दिन की शुरुआत में मुंबई में बोलते हुए शाह ने कहा, ‘‘हमारा संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण प्रदान नहीं करता है, लेकिन कांग्रेस सत्ता में आने से पहले ऐसे कोटा का वादा कर रही थी।’’
अमरावती के मोर्शी में शाह ने कहा कि एमवीए के वादे चुनाव जीतने के लिए हैं, जबकि मोदी की प्रतिबद्धताएं पत्थर की लकीर हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को होगा जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
भाषा संतोष