शरद पवार ने धनंजय मुंडे पर निशाना साधा; कहा- मुसीबत में मदद की
देवेंद्र माधव
- 09 Nov 2024, 08:11 PM
- Updated: 08:11 PM
छत्रपति संभाजीनगर/लातूर, नौ नवंबर (भाषा) राकांपा (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सहयोगी एवं महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे पर शनिवार को निशाना साधा और कहा कि राकांपा में विभाजन के पीछे जो लोग हैं, उन्हें हराया जाना चाहिए।
पवार ने बीड जिले के परली में आरोप लगाया कि लोगों को ‘‘धमकाया’’ जा रहा है और इसे रोकना होगा।
राकांपा (एसपी) प्रमुख ने अपने सहयोगी राजेश साहेब देशमुख के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं जो कुछ भी दे सकता था, मैंने धनंजय मुंडे को दिया। कुछ लोगों ने हमारी पार्टी को तोड़ने में अहम भूमिका निभाई। उन्हें हराना होगा।’’
पवार ने कहा, ‘‘एक बार पंडित मुंडे अपने बेटे धनंजय के साथ मेरे पास आए और मदद मांगी। जब वह मुसीबत में थे तो उन्हें मेरी तरफ से मदद मिली। मैंने उन्हें (धनंजय मुंडे) एमएलसी (विधान पार्षद), परिषद में एलओपी (नेता प्रतिपक्ष), राज्य मंत्री बनाया। मैं उन्हें बीड में प्रमुख पद देना चाहता था। लेकिन यहां लोगों को परेशान किया जा रहा है और इसे रोकना होगा।’’
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के बजरंग सोनवणे ने बीड में लोकसभा चुनाव जीता (भाजपा की पंकजा मुंडे को हराया) और उनका लक्ष्य उन्हें पूर्ण समर्थन देना है।
पवार ने कहा कि परली ने राज्य को बिजली की आपूर्ति की है और इसके विकास में योगदान दिया है लेकिन हाल में अपराध की घटनाएं बढ़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें बीड जिले को विकास के मामले में आगे ले जाना होगा। हम किसानों की समस्याओं, पानी की कमी, बेरोजगारी के मुद्दों को हल करना चाहते हैं। कृपया राजेश साहेब देशमुख को वोट दें।’’
इससे पूर्व पवार ने महाराष्ट्र की भाजपा नीत महायुति पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस गठबंधन को कृषि की समझ नहीं है और जिसे शिक्षित बेरोजगारों की कोई चिंता नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने लातूर जिले के उदगीर में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में किसानों की उपेक्षा की जा रही है जबकि प्रमुख परियोजनाओं को गुजरात की ओर ले जाया जा रहा है।
शरद पवार की पार्टी ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी राकांपा के संजय बनसोडे के खिलाफ सुधाकर भालेरो को मैदान में उतारा है। बनसोडे की पार्टी का नेतृत्व उनके भतीजे एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार कर रहे हैं।
पवार ने कहा कि महाराष्ट्र कभी सोयाबीन और कपास उत्पादन में अग्रणी था लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन उत्पादों का आयात शुरू करने के बाद स्थानीय किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस नीति ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि चीनी, प्याज और सोयाबीन पर निर्यात प्रतिबंध से राज्य में कृषि क्षेत्र कमजोर हो रहा है।
शरद पवार ने कहा, ‘‘केंद्र ने उन कृषि उत्पादों के आयात की भी अनुमति दे दी है, जिन्हें स्थानीय स्तर पर खरीदा जा सकता था। इससे महाराष्ट्र के सोयाबीन उत्पादकों को और नुकसान हुआ है। ऐसी कृषक विरोधी नीतियां किसानों के प्रति सरकार की उपेक्षा को उजागर करती हैं। यही कारण है कि इन नेताओं को सत्ता में नहीं रहना चाहिए।’’
महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और राकांपा शामिल हैं जबकि राकांपा (एसपी), कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) एमवीए के घटक दल हैं।
शरद पवार ने ‘‘बढ़ते अपराध, महंगाई और महिलाओं के खिलाफ अन्याय’’ को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने पूछा, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों द्वारा थानों में लोगों को खुलेआम हिंसक धमकी देने जैसी घटनाएं कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता पैदा करती हैं। यह सरकार क्या कर रही है?’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से उद्योग छीने जा रहे हैं और कारोबार गुजरात ले जाया जा रहा है। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या हमारे प्रधानमंत्री पूरे देश के हैं या सिर्फ एक राज्य के हैं?’’
शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र कभी देश में अग्रणी राज्य था लेकिन अब बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण छठे स्थान पर आ गया है।
उन्होंने लोगों से आगामी चुनाव में समझदारी से मतदान करने का आग्रह किया और उन्हें भ्रामक वादों से सतर्क रहने को कहा।
पवार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने ग्रामीण समुदायों के कल्याण के लिए कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए उद्यमों को नष्ट कर दिया है।
भाषा
देवेंद्र