जम्मू-कश्मीर विधानसभा: राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर अड़े गैर-भाजपा विधायक
जोहेब वैभव
- 08 Nov 2024, 10:48 PM
- Updated: 10:48 PM
(फोटो के साथ)
श्रीनगर, आठ नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सोमवार को राज्य का दर्जा शीघ्र बहाल करने की वकालत की और अनुच्छेद 370 का बचाव करते हुए कहा कि विशेष दर्जे के लिए लड़ना कोई अपराध नहीं है।
विधानसभा ने भाजपा सदस्यों की अनुपस्थिति में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। भाजपा विधायकों ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग से जुड़ा प्रस्ताव के पारित होने के विरोध में बहिर्गमन किया था।
बीस से अधिक सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में बात की, जिनमें अधिकतर सत्ता पक्ष से थे।
चर्चा की शुरुआत करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक जावेद हसन बेग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के दूसरे नेताओं के इस दावे पर सवाल उठाया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से जम्मू-कश्मीर में शांति और लोकतंत्र स्थापित हो गया है।
बेग ने कहा, "शांति स्थापित करने और हिंसा खत्म करने के बीच अंतर है। लोकतंत्र तभी बहाल हो सकता है जब आप इस सदन का सम्मान करेंगे, इस सदन द्वारा पारित प्रस्तावों का सम्मान करेंगे। आप कहते हैं कि हमने दीवारें गिरा दी हैं, आपने पुल गिरा दिए हैं और दीवारें खड़ी कर दी हैं।"
निर्दलीय विधायक मुजफ्फर खान अनुच्छेद 370 मामले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ताओं में से एक थे। उन्होंने कहा कि विशेष दर्जे का प्रावधान "पाकिस्तानी एजेंडा नहीं है"।
खान ने कहा, "यह पाकिस्तान की संविधान सभा ने नहीं दिया था। यह भारत के संविधान का हिस्सा था।”
कांग्रेस के निजामुद्दीन भट्ट ने कहा, "इस सदन को जो करना था, उसने सम्मानपूर्वक किया है। गेंद नयी दिल्ली के पाले में है और हम विवेकपूर्ण फैसले की उम्मीद करते हैं।"
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के रफीक नाइक ने कहा कि कश्मीर की पार्टियों के खिलाफ भाजपा सदस्यों के आरोप दुखदायी हैं।
उन्होंने कहा, "मैं ऐसे परिवार से हूं जो 1947 से ही राष्ट्रवादी रहा है, लेकिन भाजपा सदस्यों के बयानों ने मुझे आहत किया है। मेरे पिता (पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अली मोहम्मद नाइक) को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। और वे (भाजपा) अब हमें आतंकवादी कह रहे हैं!”
भाषा जोहेब