निवर्तमान सीजेआई चंद्रचूड़ की विरासत पर बहस जारी रहेगी: जयराम रमेश
नेत्रपाल नरेश
- 08 Nov 2024, 04:15 PM
- Updated: 04:15 PM
नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की विरासत पर बहस जारी रहेगी और कम से कम दो बहुत महत्वपूर्ण मामलों में मुख्य याचिकाकर्ता के रूप में वह सीजेआई से ‘‘अत्यधिक निराश’’ हुए हैं, जिनमें से एक कानून को मनमाने ढंग से धन विधेयक घोषित करना भी शामिल है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को देश का 51वां प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। वह 11 नवंबर को शपथ लेंगे। इससे एक दिन पहले मौजूदा सीजेआई चंद्रचूड़ 65 वर्ष की आयु होने पर पद छोड़ देंगे। शुक्रवार सीजेआई के रूप में चंद्रचूड़ का आखिरी कार्य दिवस है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 8 नवंबर, 2022 को सीजेआई के रूप में पदभार संभाला था।
कांग्रेस महासचिव रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के सेवानिवृत्त होने जा रहे प्रधान न्यायाधीश के लिए आज आखिरी कार्य दिवस है। उनकी विरासत पर बहस जारी रहेगी, जैसा कि वास्तव में होना चाहिए।’’
रमेश ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से, कम से कम दो अत्यंत महत्वपूर्ण मामलों में मुख्य याचिकाकर्ता के रूप में, मुझे गहरी निराशा हुई है। सबसे पहले, बहादुर न्यायाधीश ने सितंबर 2018 के अपने असहमतिपूर्ण फैसले में आधार विधेयक को धन विधेयक के रूप में पारित करने को ‘संविधान के साथ धोखाधड़ी’ कहा था, उन्होंने मोदी द्वारा मनमाने ढंग से संविधान की धारा 110 के तहत धन विधेयक के रूप में घोषित किए गए कानून के मामले में शामिल मुद्दों की पड़ताल के लिए सिर्फ पूर्ण बहस से बचने के लिए कभी भी पूर्ण पीठ का गठन नहीं किया।’’
उन्होंने कहा कि चंद्रचूड़ ने प्रधान न्यायाधीश का पद संभालने के बाद ऐसा करने का वादा किया था।
रमेश ने कहा, ‘‘दूसरा, आरटीआई में मोदी सरकार के हानिकारक संशोधनों के खिलाफ मेरी चुनौती चार साल से अधिक समय से सुनवाई और फैसले का इंतजार कर रही है।’’
भाषा नेत्रपाल