बंगाल: काली पूजा पंडाल में तोड़फोड़ का वीडियो पोस्ट करने पर दो पत्रकार गिरफ्तार
यासिर अविनाश
- 06 Nov 2024, 05:36 PM
- Updated: 05:36 PM
कोलकाता, छह नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में काली पूजा पंडाल में कथित तौर पर तोड़फोड़ का वीडियो बनाने और उसे अपने चैनल पर पोस्ट करने पर पुलिस ने स्थानीय समाचार पोर्टल के दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह वीडियो कथित तौर पर दो पत्रकारों ने ही रिकार्ड किया था।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया और मंगलवार दोपहर कैखली इलाके में पोर्टल के कार्यालय से दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मामले की जांच की जा रही है। उन दोनों द्वारा बनाए गए वीडियो से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। हम उन्हें बुधवार दोपहर बाद अदालत में पेश करेंगे।’’
उन्होंने बताया कि बुधवार को की गई छापेमारी में एक कंप्यूटर और कुछ अन्य सामग्री जब्त कर ली गई है।
वीडियो में बिधाननगर सिटी पुलिस के अंतर्गत दक्षिणदारी इलाके में हाल ही में काली पूजा समारोह के दौरान हुई तोड़फोड़ को कथित तौर पर दिखाया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने काली पूजा समारोह के दौरान तोड़फोड़ की घटनाओं को रोकने में कथित रूप से विफल रहने और इनकी रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार करने के लिए ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की।
अधिकारी ने दावा किया कि बंगाल में ‘‘सनातन धर्म पर हमला हो रहा है’’ और उन्होंने राज्य सरकार पर इन हमलों के बारे में चिंता जताने वाली आवाजों को दबाने का आरोप लगाया।
भाजपा नेता अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हाल ही में पोर्टल ने दक्षिणदारी इलाके में काली पूजा पंडाल में हुई तोड़फोड़ की घटना की का एक वीडियो ‘अपलोड’ किया था। वीडियो को काफी संख्या में लोगों ने देखा और यह वायरल हो रहा है। ममता बनर्जी की पुलिस जो काली पूजा पंडाल और मां काली की मूर्ति को अपवित्र करने से बचाने में विफल रही, उसने आज पत्रकार अनन्यो गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। ऐसा लगता है, उनकी गलती यह है कि वह सच दिखा रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ स्वतंत्र प्रेस का मामला नहीं है, यह उन आवाजों को दबाने का प्रयास है जो पश्चिम बंगाल में सनातन धर्म पर हमले के समय उठती हैं।’’
भाषा यासिर