दुष्कर्म मामले में आरोपपत्र रद्द करने संबंधी पूर्व सैन्य अधिकारी की याचिका पर सोमवार को सुनवाई
नेत्रपाल पवनेश
- 03 Nov 2024, 08:37 PM
- Updated: 08:37 PM
नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय एक पूर्व सैन्य अधिकारी की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा जिसमें उसने कथित बलात्कार मामले में अपने खिलाफ दायर आरोपपत्र को निरस्त करने का आग्रह किया है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्ला की पीठ कैप्टन राकेश वालिया (सेवानिवृत्त) की याचिका पर सुनवाई करेगी जिन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के याचिका खारिज करने संबंधी आदेश को चुनौती दी है।
अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया कि उच्च न्यायालय ने इस महत्वपूर्ण तथ्य को नजरअंदाज कर दिया कि पिछले आठ वर्षों में शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता सहित सात अलग-अलग थानों में नौ अलग-अलग व्यक्तियों के खिलाफ ‘‘दुर्भावनापूर्ण और गलत तरीके से’’ सात प्राथमिकी दर्ज कराई हैं।
उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई के अपने आदेश में कहा था कि निचली अदालत में मामला है और वह याचिकाकर्ता की ओर से दी गईं दलीलों पर विचार करने के बाद उचित आदेश पारित करेगी।
याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता 63 साल का है और भारतीय सेना का एक सम्मानित अधिकारी रहा है। वह गंभीर चिकित्सा बीमारियों से ग्रस्त है और उसे दिल का बड़ा दौरा पड़ा था तथा उसे दो स्टेंट लगाए गए हैं। उसे कैंसर होने का भी पता चला है।’’
इसमें कहा गया कि वह कानूनी प्रक्रिया का गंभीर दुरुपयोग करने वाली शिकायतकर्ता से उत्पीड़ित है जिसका काम बलात्कार और छेड़छाड़ संबंधी कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग करके और निर्दोष नागरिकों को झूठे मामलों में फंसाकर सम्मानित नागरिकों से (उनकी)मेहनत की कमाई वसूलना है।
याचिका के अनुसार, 2019-2020 के आसपास कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान याचिकाकर्ता से शिकायतकर्ता ने संपर्क किया था, जिसने खुद को ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर’ बताकर विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर पूर्व सैन्य अधिकारी की पुस्तक ‘ब्रोकन क्रेयॉन कैन स्टिल कलर’ के प्रचार की बात कही।
इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता को शिकायतकर्ता के प्रस्ताव में दिलचस्पी हुई और जून 2021 के आसपास लॉकडाउन के तुरंत बाद उसकी सेवा लेने का फैसला किया।
याचिका में कहा गया कि इसके बाद 29 दिसंबर 2021 को याचिकाकर्ता अपनी आत्मकथा को प्रचारित करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए लड़की से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए सहमत हुआ और वे छतरपुर मेट्रो स्टेशन पर मिले तथा नोएडा की ओर गए।
इसमें कहा गया, ‘‘उस दिन बाद में, याचिकाकर्ता ने लड़की को बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन, सेक्टर 38, नोएडा में पुलिस चौकी के सामने छोड़ दिया। इसके बाद, याचिकाकर्ता को तब झटका लगा जब उसे शाम करीब 6:00 बजे सेक्टर 37 नोएडा पुलिस चौकी से फोन आया, जिसमें कहा गया कि प्रतिवादी संख्या 2 (लड़की) शाम लगभग 5 बजे पुलिस चौकी आई और आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता ने उसे नशीला पदार्थ पिलाने के बाद शाम 4:15 बजे उसके साथ बलात्कार किया था।’’
भाषा नेत्रपाल