प्रदूषण रोधी उपायों के लिए नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को बहाल किया जाएगा: आतिशी
नेत्रपाल रंजन
- 03 Nov 2024, 08:32 PM
- Updated: 08:32 PM
नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को घोषणा की कि वायु प्रदूषण से निपटने वाली विभिन्न एजेंसियों की सहायता के लिए पिछले साल बस मार्शल के पद से हटाए गए 10,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सीडीवी) की तैनाती अगले 2-4 दिन में शुरू हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी स्थायी नियुक्ति के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव भी एक सप्ताह के भीतर उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
ये घोषणाएं उपराज्यपाल द्वारा आतिशी को लिखे पत्र के एक दिन बाद आई हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीडीवी को तुरंत फिर से नियुक्त करने के उनके आदेश के बावजूद उन्हें अभी तक इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
सक्सेना ने अपने पत्र में कहा, ‘‘बेशक, आप और आपकी पार्टी के नेता उनकी बहाली का श्रेय लेने की राजनीति करते रहेंगे, लेकिन आर्थिक रूप से इन कमजोर एवं असहाय लोगों के कल्याण में और देरी किसी भी तरह से सही नहीं है।’’
राजस्व और वित्त विभागों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद पिछले साल नवंबर में दिल्ली में सार्वजनिक बसों में मार्शल के रूप में काम करने वाले लगभग 10,000 सीडीवी को उनके पदों से हटा दिया गया था।
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सप्ताह एक बैठक में विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए विभिन्न प्रदूषण रोधी उपायों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सीडीवी को पहले ही दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी तैनाती अगले 2-4 दिन में शुरू हो जाएगी।’’
आतिशी ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि उसे इस मुद्दे पर अपनी ‘‘गंदी राजनीति’’ बंद करनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सीडीवी की स्थायी नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल को भेजे गए आप सरकार के प्रस्ताव को रोकने का प्रयास करेगी।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा जिसकी दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने चेतावनी दी कि अगर रविवार शाम तक बस मार्शलों की दोबारा नियुक्ति का प्रस्ताव उपराज्यपाल को नहीं भेजा गया तो पार्टी मुख्यमंत्री का ‘घेराव’ करेगी।
आतिशी ने कहा, ‘‘मैं भाजपा नेताओं से बस मार्शल मुद्दे पर गंदी राजनीति बंद करने के लिए कहना चाहती हूं। पहले, पिछले साल अप्रैल में उनका वेतन रोक दिया गया और आखिरकार भाजपा की साजिश के कारण अक्टूबर, 2023 में उन्हें हटा दिया गया।’’
भाषा नेत्रपाल