भारत ने गृह मंत्री शाह के खिलाफ कनाडा के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘निराधार’ करार दिया
सुभाष दिलीप
- 02 Nov 2024, 05:08 PM
- Updated: 05:08 PM
नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बारे में कनाडा के एक मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराया।
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के ‘‘बेतुका और निराधार’’ आरोपों का दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।
यह बयान कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा मंगलवार को लगाए गए उस आरोप के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि शाह ने कनाडा के अंदर सिख अलगाववादियों को निशाना बनाकर हिंसा, धमकी और खुफिया जानकारी जुटाने का अभियान चलाने का आदेश दिया था।
मॉरिसन ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के कनाडाई संसद सदस्यों को यह भी बताया था कि उन्होंने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ को शाह के नाम की पुष्टि की थी, जिसने (समाचार पत्र ने) सबसे पहले आरोपों के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह खुलासा कि कनाडा सरकार के आला अधिकारियों ने भारत को बदनाम करने और अन्य देशों को प्रभावित करने की एक सोझी-समझी रणनीति के तहत अंतरराष्ट्रीय मीडिया को जानबूझकर निराधार आक्षेप लीक किए और यह केवल उस दृष्टिकोण की पुष्टि करता है, जो भारत सरकार वर्तमान कनाडाई सरकार के राजनीतिक एजेंडे और व्यवहार पैटर्न के बारे में लंबे समय से रखती आ रही है।
जायसवाल ने यहां साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि इस तरह की गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई से द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि भारत ने शुक्रवार को कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब किया और गृह मंत्री शाह के बारे में कनाडाई उप मंत्री की ‘‘बेतुका और निराधार’’ टिप्पणियों पर कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराया।
संसद सदस्यों को संबोधित करते हुए मॉरिसन ने यह नहीं बताया था कि कनाडा को शाह की कथित संलिप्तता के बारे में कैसे पता चला।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक साल पहले कहा था कि ओटावा के पास इस बारे में विश्वसनीय सबूत हैं कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडाई सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे।
वहीं, इन आरोपों को बेतुका करार देते हुए भारतीय अधिकारियों ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि कनाडा ने कोई सबूत मुहैया कराया है।
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