पूर्वी लद्दाख में भारतीय, चीनी सैनिकों को ‘व्यवस्थित’ तरीके से हटाया जा रहा: चीनी विदेश मंत्रालय
सुभाष वैभव
- 30 Oct 2024, 08:36 PM
- Updated: 08:36 PM
(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, 30 अक्टूबर (भाषा) चीन ने बुधवार को कहा कि चीन और भारत की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने के संबंध में हुए समझौतों को ‘‘व्यवस्थित तरीके’’ से कार्यान्वित कर रही हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सैनिकों को पीछे हटाने में हुई प्रगति को लेकर यहां प्रेस वार्ता में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा से जुड़े मुद्दों पर सहमति बनी हैं।
उन्होंने कोई विवरण देने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘इस वक्त, चीनी और भारतीय सैनिक समझौतों को व्यवस्थित तरीके से लागू कर रहे हैं।’’
उन्होंने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि सैनिकों को पीछे हटाने के लिए क्या कोई समय सीमा है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को नयी दिल्ली में कहा था कि पिछले कई हफ्तों में हुई बातचीत के बाद समझौतों को अंतिम रूप दिया गया और इससे 2020 में उपजे मुद्दों का समाधान होगा।
इसके एक दिन बाद, लिन ने समझौते की पुष्टि करते हुए प्रेस वार्ता में कहा था कि हाल में चीन और भारत के बीच राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिये संवाद के बाद सीमा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि चीन इस प्रगति की सराहना करता है और इन समझौतों को कार्यान्वित करने के लिए भारत के साथ काम करना जारी रखेगा।
पूर्वी लद्दाख में चार साल से जारी सैन्य गतिरोध को खत्म करने की घोषणा के बाद से, चीन ने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रहने की बात स्वीकार करने के अलावा बहुत कम विवरण जारी किये हैं।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर हुए समझौते का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान स्वागत किया था।
चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेली’ के सहयोगी प्रकाशन एवं सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के एक संपादकीय में कहा गया है कि भारत-चीन समझौते ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का काफी ध्यान आकर्षित किया है तथा द्विपक्षीय संबंधों को शीघ्र ही स्थिर विकास के रास्ते पर वापस लाने के लिए इसके महत्वपूर्ण व्यावहारिक निहितार्थों को रेखांकित किया है।
मंगलवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा गया कि इसने ‘‘बेशक’’ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता बनाए रखने में एक नया सकारात्मक कारक भी शामिल किया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘उम्मीद है कि दोनों पक्ष मौजूदा समाधान द्वारा प्रदान किये गए अवसरों का सदुपयोग करेंगे, विभिन्न स्तरों पर बनी सहमति को लागू करना जारी रखेंगे, और सीमा पर हालात में एक नयी सामान्य स्थिति की दिशा में काम करेंगे, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने में मदद मिलेगी।’’
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘केवल इस तरह हम दोनों देशों के लोगों के कल्याण के साथ-साथ विश्व की स्थिरता और विकास में योगदान दे सकते हैं।’’
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