आरजी कर चिकित्सक बलात्कार: आंदोलनकारी चिकित्सकों ने सामूहिक सम्मेलन का आयोजन किया
नेत्रपाल शोभना
- 27 Oct 2024, 12:55 AM
- Updated: 12:55 AM
कोलकाता, 26 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने आमरण अनशन वापस लेने के पांच दिन के बाद शनिवार को एक सामूहिक सम्मेलन आयोजित किया और आरजी कर घटना में न्याय की मांग को लेकर 30 अक्टूबर को यहां सीबीआई कार्यालय तक एक रैली आयोजित करने का निर्णय लिया।
सम्मेलन में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित तौर पर बलात्कार का शिकार हुई चिकित्सक को न्याय दिलाने और राज्य सरकार से अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए अगले कदम की रणनीति बनाई गई।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आयोजित चार घंटे लंबे सम्मेलन में विभिन्न सरकारी चिकित्सा प्रतिष्ठानों के चिकित्सकों के अलावा नागरिक समाज से जुड़े समूह के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
आंदोलनकारी चिकित्सकों में से एक अनिकेत महतो ने कहा, ‘‘हमने अपनी उस बहन के लिए न्याय मांगने के लिए यह सामूहिक सम्मेलन बुलाया है, जिससे नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।’’
कार्यक्रम में एक अन्य आंदोलनकारी चिकित्सक देबाशीष हलदर ने कहा, ‘‘कुछ चिकित्सकों द्वारा शुरू किया गया विरोध प्रदर्शन अब एक बड़ा रूप ले चुका है। हम जानना चाहते थे कि अस्पताल के संगोष्ठी कक्ष (जहां शव मिला था) में क्या हुआ था। हमें अंदाजा नहीं था कि यह आंदोलन इतना लंबा चलेगा और हमें इतने लोगों का समर्थन मिलेगा।’’
आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया था। यह अनशन पांच अक्टूबर से शुरू हुआ था। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
चिकित्सकों ने शनिवार को यह आरोप लगाया कि आरजी कर अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के बारे में सच्चाई को दबाने की कोशिश की जा रही है और घटना के दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
आंदोलनकारी चिकित्सक किंजल नंदा ने कहा, ‘‘हम जानना चाहते थे कि सच क्या है और इसीलिए हमने मजिस्ट्रेट जांच की मांग की थी। सच को दबाने की कोशिश की गई है। हम न केवल न्याय चाहते हैं, बल्कि व्यवस्था को भी साफ-सुथरा बनाना चाहते हैं।’’
भाषा नेत्रपाल