परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी 'अस्वीकार्य' है: भारत-जर्मनी संयुक्त वक्तव्य
देवेंद्र माधव
- 25 Oct 2024, 10:28 PM
- Updated: 10:28 PM
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) भारत और जर्मनी ने यूक्रेन में लंबे समय से जारी युद्ध और इसके गंभीर मानवीय परिणामों को लेकर ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने इस बात पर सहमति जताई कि युद्ध के संदर्भ में परमाणु हथियारों का ‘‘इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी’’ ‘‘अस्वीकार्य’’ है।
दोनों नेताओं ने यहां सातवीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईसीजी) बैठक की सह-अध्यक्षता की।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि उन्होंने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी रूपों की ‘‘स्पष्ट रूप से निंदा’’ की।
इसमें कहा गया है, ‘‘नेताओं ने यूक्रेन में लंबे समय से जारी युद्ध और इसके गंभीर परिणामों को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता दोहराई, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप हो और इसमें संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान भी शामिल हो।’’
नेताओं ने वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के संबंध में यूक्रेन में युद्ध के ‘‘नकारात्मक प्रभावों’’ पर भी गौर किया, विशेष रूप से विकासशील और कम विकसित देशों के लिए।
इसमें कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि युद्ध के संदर्भ में परमाणु हथियारों का ‘‘इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी’’ ‘‘अस्वीकार्य’’ है।’’
संयुक्त वक्तव्य कहा गया है, ‘‘मोदी और शोल्ज ने सात अक्टूबर, 2023 को हमास के आतंकवादी हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की और गाजा में बड़े पैमाने पर नागरिकों की जान जाने और मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की।’’
नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में भारत और यूरोपीय संघ का बहु ध्रुवीय विश्व में सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित करने में साझा हित है।
बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया, जिससे न केवल दोनों पक्षों को लाभ होगा बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका दूरगामी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’
इसमें कहा गया है कि मोदी और शोल्ज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूहों समेत सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया।
बयान में कहा गया, ‘‘दोनों पक्ष अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता के लिए आपसी सम्मान और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान तथा स्वतंत्र, खुले, समावेशी, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
मोदी और शोल्ज ने ‘‘भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और अधिक विस्तारित और गहरा करने’’ की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
भाषा
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