जयशंकर ने ब्रिक्स ‘आउटरीच’ सत्र में ‘ग्लोबल साउथ’ के नेताओं से मुलाकात की
देवेंद्र अविनाश
- 24 Oct 2024, 10:23 PM
- Updated: 10:23 PM
(फोटो के साथ)
कजान, 24 अक्टूबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को यहां ब्रिक्स के ‘आउटरीच’ सत्र के दौरान ‘ग्लोबल साउथ’ के कई नेताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत की।
जयशंकर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के तीसरे दिन ‘ब्रिक्स आउटरीच/ब्रिक्स प्लस’ बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर लैटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया के क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका आशय, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बाहर, दक्षिणी गोलार्द्ध और भूमध्यरेखीय क्षेत्र में स्थित ऐसे देशों से है जो ज्यादातर कम आय वाले या विकासशील हैं।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज कजान में ब्रिक्स ‘आउटरीच’ सत्र के दौरान ईरान के विदेश मंत्री अराघची से मिलकर खुशी हुई। हमारी बातचीत क्षेत्रीय घटनाक्रम पर केंद्रित रही।’’
ब्रिक्स ‘आउटरीच’ बैठक शुरू होने से पहले जयशंकर ने इंडोनेशिया के अपने समकक्षों सुगियोनो, सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान, संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद बिन अल नाहयान और थाईलैंड के विदेश मंत्री मैरिस संगियामपोंगसा के साथ अनौपचारिक बातचीत की।
उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से भी बातचीत की और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ भी वार्ता की।
रूस के विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हवाले से कहा, ‘‘समावेशी मंच ‘ब्रिक्स प्लस/आउटरीच’ ने ब्रिक्स समूह के प्रतिभागियों को अपने मित्रों और भागीदारों के साथ सीधे और खुले संवाद में शामिल होने में सक्षम बनाकर अपनी उपयोगिता साबित कर दी है।’’
सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार ‘आउटरीच/ब्रिक्स प्लस’ एक विस्तारित प्रारूप है, जिसमें 10 से अधिक ब्रिक्स सदस्य शामिल हैं।
बैठक में लगभग 40 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें एशियाई, अफ्रीकी, पश्चिम एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों के नेता शामिल थे।
भाषा
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