भारत ‘हल्के-फुल्के’ रिश्तों में यकीन नहीं करता: प्रधानमंत्री मोदी
ब्रजेन्द्र माधव
- 21 Oct 2024, 07:03 PM
- Updated: 07:03 PM
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत ‘हल्के-फुल्के’ रिश्तों में यकीन नहीं करता और दुनिया भी इस बात को समझ रही है कि देश के संबंधों की बुनियाद विश्वास तथा विश्वसनीयता के आधार पर होती है।
उन्होंने एनडीटीवी विश्व सम्मेलन में यह टिप्पणी कनाडा के साथ भारत के संबंधों में आई कड़वाहट के बीच की है। भारत ने हाल ही में उच्चायुक्त समेत अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया है और कनाडा के कई राजदूतों को निष्कासित कर दिया है।
मोदी ने अपने संबोधन में कनाडा से जुड़ी घटनाओं का कोई सीधा जिक्र नहीं किया।
कट्टरपंथी खालिस्तानी कार्यकर्ता और कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत का हाथ होने के कनाडा के आरोपों को लेकर दोनों देशों के संबंधों में हाल के दिनों में कड़वाहट आई है। भारत ने आरोपों से इनकार किया है और जोर देकर कहा है कि कनाडा अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत देने में असमर्थ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत टेकन फॉर ग्रांटेड (हल्के-फुल्के) रिश्ते नहीं बनाता...हमारे रिश्तों की बुनियाद- विश्वास और विश्वसनीयता के आधार पर है। और ये बात दुनिया भी समझ रही है। भारत एक ऐसा देश है जिसकी प्रगति दुनिया में खुशहाली लाती है।’’
उन्होंने कहा कि दुनिया ने भारत के सफल चंद्रयान मिशन को एक उत्सव की तरह मनाया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत आगे बढ़ता है तो जलन का, ईर्ष्या का भाव नहीं पैदा होता। हमारी प्रगति से दुनिया खुश होती है। क्योंकि भारत की प्रगति से पूरी दुनिया को फायदा होगा।’’
बुनियादी ढांचे से लेकर डिजिटल जानकारी और अनुसंधान की गुणवत्ता तक विभिन्न क्षेत्रों में देश में हुई प्रगति का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि भारत में हो रहे ये चौतरफा परिवर्तन दुनिया के लिए भी विश्वास का आधार बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत कई क्षेत्रों में ‘वैश्विक भविष्य’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने मानवीय चिंताओं के कारण कोविड काल के दौरान देश द्वारा दवाओं और टीकों की आपूर्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया महसूस करती है कि संकट में भारत एक मित्र है।
उन्होंने कहा कि भारत करोड़ों डॉलर कमा सकता, उसका फायदा होता लेकिन मानवता हार जाती।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत का बढ़ता सामर्थ्य दुनिया की बेहतरी को सुनिश्चित कर रहा है। भारत जितना आगे बढ़ेगा, दुनिया को उतना ही फायदा होगा। हमारा प्रयास होगा..भारत की सेंचुरी (शतक) सिर्फ भारत की नहीं बल्कि पूरी मानवता की जीत की सेंचुरी बने।’’
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