हेलीकॉप्टर के आपात स्थिति में उतरने पर पिथौरागढ़ के रालम गांव में 17 घंटे फंसे रहे सीईसी
सिम्मी
- 18 Oct 2024, 03:42 PM
- Updated: 03:42 PM
पिथौरागढ़ (उत्तराखंड), 18 अक्टूबर (भाषा) मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार उत्तराखंड का अपना हालिया दौरा शायद कभी न भूल पाएं जहां खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर को आपात स्थिति में उतारे जाने के बाद उन्हें पिथौरागढ़ जिले में करीब 12,000 फुट की उंचाई पर स्थित रालम गांव में बुधवार को 17 घंटे ठंड में गुजारने पड़े।
इस दौरान उनके साथ हेलीकॉप्टर चालक एवं उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे समेत तीन और लोग थे। वे सभी बुधवार रात भर एक खाली पड़े मकान में बिना गर्म कपड़ों और रजाई के ठिठुरते रहे तथा बृहस्पतिवार सुबह छह बजे रालम से मुनस्यारी रवाना हुए।
अधिकारियों ने यहां बताया कि कुमार और उनकी टीम बुधवार को मिलम गांव जा रही थी लेकिन आसमान में घने बादल छाने और दृश्यता कम होने के कारण उनके हेलीकॉप्टर को मुनस्यारी से 42 किलोमीटर पहले पलायन के कारण खाली पड़े रालम गांव के एक खेत में आपात स्थिति में उतरना पड़ा।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गिरीश गोस्वामी ने कहा, ‘‘सीईसी ने 16 अक्टूबर (बुधवार) को दोपहर करीब एक बजे हमें अपने हेलीकॉप्टर के आपात स्थिति में उतरने की सूचना दी और बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं। हमने मिलम और लिलम में मौजूद आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) की चौकियों को हेलीकॉप्टर के उतरने की जगह पर तत्काल पहुंचने को कहा।’’
जिलाधिकारी ने बताया कि आसपास के गांव वालों को भी रालम में हेलीकॉप्टर उतरने की सूचना मिली जिसके बाद पातो के ग्राम प्रधान ईश्वर सिंह नबियाल भी आठ किलोमीटर की दूरी तय कर मौके पर पहुंचे।
उन्होंने कहा, ‘‘नबियाल देर रात एक बजे मौके पर पहुंचे और वह वहां पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने अपने साथ लाए सूखे मेवे टीम के सदस्यों को दिए।’’
गोस्वामी ने बताया कि आईटीबीपी की टीम जीवन रक्षक दवाइयां और खाने का सामान लेकर तड़के करीब पांच बजे मौके पर पहुंची जिसके बाद सुबह छह बजे सीईसी और उनकी टीम मुनस्यारी रवाना हुई ।
उन्होंने बताया कि मुनस्यारी में आईटीबीपी के विश्राम गृह में कुछ देर आराम करने के बाद सीईसी नयी दिल्ली रवाना हो गए।
आईटीबीपी के एक सूत्र ने सीईसी का हवाला देते हुए कहा कि उनकी टीम पहले तो रालम के एक खेत में ही शाम पांच बजे तक इंतजार करती रही लेकिन बाद में उन्हें बंगलुरू के दो पर्यटक मिले जिन्होंने उन्हें ‘नूडल्स’ खाने को दिए, उनके आराम करने के लिए एक मकान को भी खोला और वहां लकड़ियां जलाकर जगह को गर्म किया।
नबियाल ने बताया कि सीईसी ने आपात स्थिति के समय स्थानीय लोगों से मिली मदद के लिए उन्हें धन्यवाद दिया एवं उनके व्यवहार की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘देवभूमि के लोग स्वभाव से मददगार हैं।’’
भाषा सं दीप्ति