सहारा रेगिस्तान में दुर्लभ बारिश: ताड़ के पेड़ों और रेत के टीलों के बीच बनी झीलें
एपी नरेश नरेश माधव
- 08 Oct 2024, 06:08 PM
- Updated: 06:08 PM
रबात, आठ अक्टूबर (एपी) मोरक्को में सहारा रेगिस्तान में अचानक बाढ़ आ गई और ताड़ के पेड़ों तथा रेत के टीलों के बीच नीले पानी की झीलें सी बन गई जो कि अपने आप में एक दुर्लभ नजारा था।
दक्षिणपूर्वी मोरक्को का रेगिस्तान दुनिया के सबसे शुष्क स्थानों में से एक है और गर्मियों के अंत में शायद ही कभी बारिश होती है।
मोरक्को सरकार ने कहा कि सितंबर में कई क्षेत्रों में दो दिन के भीतर ही वार्षिक औसत से अधिक बारिश हो गई जबकि यहां सालाना औसतन 250 मिलीमीटर से कम बारिश होती है। इसमें टाटा भी शामिल है, जो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है।
राजधानी रबात से लगभग 450 किलोमीटर दक्षिण में स्थित एक गांव टैगौनाइट में 24 घंटे की अवधि में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई।
सहारा के रेगिस्तानी समुदायों को देखने के लिए मोटरगाड़ियों में आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अद्भुत नजारा था और रेत के टीलों तथा ताड़ के पेड़ों के आसपास बनी झीलों को देखकर उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था।
मोरक्को के मौसम विज्ञान महानिदेशालय के हाउसिन यूआबेब ने कहा, "पिछले 30-50 सालों में पहली बार इतने कम समय में इतनी अधिक बारिश हुई है।"
यूएबेब ने कहा कि ऐसी बारिश, जिसे मौसम विज्ञानी एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान कह रहे हैं, वास्तव में आने वाले महीनों और वर्षों में क्षेत्र के मौसम की दिशा बदल सकती है क्योंकि हवा अधिक नमी बरकरार रखती है, जिससे अधिक वाष्पीकरण होता है और अधिक तूफान आते हैं।
लगातार छह वर्षों के सूखे ने मोरक्को के अधिकांश हिस्सों के लिए चुनौतियाँ पैदा कर दी हैं जिससे किसानों को खेत खाली छोड़ने और शहरों और गाँवों को पानी की खपत सीमित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
इस भारी बारिश से संभवतः रेगिस्तान के नीचे स्थित बड़े भूजल भंडारों को फिर से भरने में मदद मिलेगी जिन पर रेगिस्तानी समुदाय पानी की आपूर्ति के लिए निर्भर रहते हैं । क्षेत्र के जलाशयों ने पूरे सितंबर में रिकॉर्ड दर पर फिर से भरने की सूचना दी। हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है कि सितंबर की बारिश सूखे से राहत दिलाने में कितनी मदद करेगी।
हालांकि रेत और मरूद्यानों से बहते पानी ने मोरक्को और अल्जीरिया में 20 से अधिक लोगों की जान ले ली और किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया। इससे सरकार को आपातकालीन राहत राशि आवंटित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
नासा के उपग्रहों ने दिखाया कि ज़गोरा और टाटा के बीच एक प्रसिद्ध झील इरिकि झील में तेजी से पानी भर रहा है जो 50 वर्षों से सूखी पड़ी थी।
एपी नरेश नरेश