जम्मू-कश्मीर चुनाव : मतगणना से पहले श्रीनगर की चाय-कॉफी की दुकानों पर गरमा-गरम बहसें जारी
शफीक माधव
- 07 Oct 2024, 09:18 PM
- Updated: 09:18 PM
(सुमीर कौल)
श्रीनगर, सात अक्टूबर (भाषा) केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव के नतीजों की उल्टी गिनती शुरू होने के बीच श्रीनगर में चाय-कॉफी की दुकानों और खाने-पीने की दुकानों पर उम्मीदवारों की हार-जीत को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित किए जाएंगे।
पिछले दशक में श्रीनगर में कैफे संस्कृति खूब फली-फूली है, जहां लोग आने वाले चुनाव परिणामों पर चर्चा करने के लिए लंबे समय तक बैठे नजर आए।
ओ’बॉन कैफे के सह-मालिक यावर शाह ने बताया कि चुनावी नतीजों को लेकर चर्चाएं कभी-कभी गरमा-गरम बहसों में तब्दील हो जाती है और यहां तक कि झगड़ा हो जाने का भी खतरा रहता है।
जबकि कई लोगों का अनुमान है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी, वहीं संभावित गठबंधन सहयोगियों और अगली सरकार में भाजपा की भूमिका पर भी चर्चा हो रही है।
स्नातकोत्तर छात्र मैसर मजीद ने स्पष्ट बहुमत की उम्मीद जताते हुए कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हमें एक बार फिर धोखा नहीं दिया जाएगा। मैं पूर्ववर्ती राज्य (के दर्जा बहाली) के लिए उम्मीद करता हूं।’’
डल झील के पास एक छोटे से कैफे के मालिक आमिर, सरकार गठन पर चर्चा कर रहे युवाओं के बीच गरमा-गरम बहस होने पर तुरंत हस्तक्षेप करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ चुनावों तक सीमित नहीं है। चर्चा में ईरान द्वारा इजराइल पर मिसाइल हमलों के बाद गाजा में स्थिति पर भी चर्चा होती है।’’
मंगलवार को चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले जनता स्पष्ट जनादेश के लिए उत्सुक नजर आ रही है।
ऑटोरिक्शा चालक बशीर अहमद ने मौजूदा नौकरशाही प्रशासन के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की और कहा, ‘‘मुझे एक विधायक चाहिए जिससे हम (अपनी समस्याओं के लिए) संपर्क कर सकें।’’
मक्का मार्केट के महासचिव फैयाज अहमद ने नई सरकार द्वारा बेरोजगारी और महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘बेरोजगारी बहुत है और कीमतें आसमान छू रही हैं। इन मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान करने की आवश्यकता है।’’
भाषा शफीक