शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट, सेंसेक्स 809 अंक लुढ़का
प्रेम रमण
- 04 Oct 2024, 06:34 PM
- Updated: 06:34 PM
मुंबई, चार अक्टूबर (भाषा) पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने के बीच शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में लगातार पांचवें सत्र में गिरावट रही। सेंसेक्स में करीब 809 अंक और निफ्टी में 235 अंक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों ने कहा कि उथल-पुथल भरे कारोबारी सत्र में दैनिक उपभोग के सामान बनाने बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी), वाहन और ऊर्जा कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली के कारण बाजार में गिरावट आई।
इसके अलावा तेल उत्पादक पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता पैदा होने से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने भी बाजार की धारणा को प्रभावित किया।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में लगातार पांचवें दिन गिरावट रही और यह 808.65 अंक यानी 0.98 प्रतिशत फिसलकर 81,688.45 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 81,532.68 का निचला और 83,368.32 का ऊपरी स्तर छुआ। यह सेंसेक्स में 1,835.64 अंकों का बड़ा उतार-चढ़ाव दर्शाता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 235.50 अंक यानी 0.93 प्रतिशत का गोता लगाते हुए 25,049.85 पर आ गया। कारोबार के दौरान निफ्टी 24,966.80 के निचले और 25,485.05 के ऊपरी स्तर तक गया।
यह शेयर बाजार में गिरावट का लगातार पांचवां सत्र रहा। इस दौरान निवेशकों की संपत्ति में कुल 16.26 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आ चुकी है।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में कुल 3,883.4 अंक यानी 4.6 प्रतिशत और निफ्टी में 1,164.35 अंक यानी 4.5 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। यह पिछले दो साल में किसी भी कारोबारी सप्ताह का सबसे खराब प्रदर्शन है।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, नेस्ले, भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में सर्वाधिक गिरावट रही।
दूसरी तरफ इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, "निफ्टी लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट पर रहा। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच यह दो साल का सबसे खराब सप्ताह रहा।"
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "पश्चिम एशिया तनाव को लेकर निवेशकों के सजग रुख अपनाने से बाजार में बिकवाली का जोर है और बढ़त होने पर बिक्री की रणनीति हावी है।"
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम और भारतीय बाजार से विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से निकट अवधि में बाजार की निराशावादी धारणा आगे भी जारी रह सकती है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 15,243.27 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।
बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.94 प्रतिशत और स्मालकैप सूचकांक में 0.80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में बंद हुए। चीन के बाजार सार्वजनिक अवकाश होने के कारण बंद हैं।
यूरोप के ज्यादातर बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.99 प्रतिशत चढ़कर 78.39 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 1,769.19 अंक की भारी गिरावट के साथ 82,497.10 और एनएसई निफ्टी 546.80 अंक फिसलकर 82,434.02 पर आ गया था।
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