प्रधानमंत्री ने मराठी, बांग्ला सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई
ब्रजेन्द्र माधव
- 03 Oct 2024, 10:01 PM
- Updated: 10:01 PM
नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मराठी, बांग्ला और असमिया सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई और कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अटूट रही है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पाली और प्राकृत भाषा को भी शास्त्रीय दर्जा प्रदान करने को मंजूरी दी।
मोदी ने इस फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए 'एक्स' पर सिलसिलेवार पोस्ट किए और कहा कि ये सभी भाषाएं सुंदर हैं और देश की जीवंत विविधता को रेखांकित करती हैं।
उन्होंने इसके लिए सभी को बधाई देते हुए कहा, "हमारी सरकार भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को महत्व देती है और उसका जश्न मनाती है। हम क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर भी अटूट रहे हैं।"
मराठी को अभूतपूर्व और भारत का गौरव करार देते हुए उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी।
उन्होंने कहा, "यह सम्मान हमारे देश के इतिहास में मराठी के समृद्ध सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देता है। मराठी हमेशा से भारतीय विरासत की आधारशिला रही है। मुझे विश्वास है कि शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से कई और लोग इसे सीखने के लिए प्रेरित होंगे।"
उन्होंने कहा कि असमिया संस्कृति सदियों से फूलती-फलती रही है और इसने देश एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा दी है। उन्होंने कहा, "कामना है कि आने वाले समय में यह भाषा और भी लोकप्रिय होती रहे। मेरी बधाई।"
बांग्ला को महान भाषा करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि इसे दुर्गा पूजा के शुभ समय के दौरान शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने कहा, "बांग्ला साहित्य ने अनगिनत लोगों को वर्षों से प्रेरित किया है। मैं विश्व भर के सभी बांग्ला भाषियों को इसके लिए बधाई देता हूं।’’
पाली और प्राकृत भारत की संस्कृति के मूल में बसी भाषाएं करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आध्यात्मिकता, ज्ञान और दर्शन की भाषाएं भी हैं।
उन्होंने कहा, "ये भाषाएं अपनी साहित्यिक परंपराओं के लिए भी जानी जाती हैं। शास्त्रीय भाषाओं के रूप में इन्हें जो मान्यता दी गई है, यह भारतीय विचार, संस्कृति और इतिहास पर उनके कालातीत प्रभाव का सम्मान है।"
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देने के मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद और अधिक लोग उनके बारे में जानने के लिए प्रेरित होंगे।
उन्होंने कहा, "यह वास्तव में एक खुशी का क्षण है!" प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों की भी सराहना की।
चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने पर उन्होंने कहा कि इससे एक जीवंत शहर में जीवन जीने की सुगमता को को बढ़ावा मिलेगा।
चेन्नई और तमिलनाडु के लोगों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, "यह यातायात को आसान बनाने, स्थिरता और आर्थिक विकास में सुधार करने में मदद करेगा।"
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसान भाई-बहनों के कल्याण के लिए हम प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में आज दो अहम फैसले लेते हुए पीएम-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा, "इससे अन्नदाताओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही खाद्य सुरक्षा को और मजूबती मिलेगी।"
भाषा ब्रजेन्द्र