आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुमला में 11 दिवसीय तपस्या संपन्न की
खारी मनीषा
- 02 Oct 2024, 05:47 PM
- Updated: 05:47 PM
(तस्वीरों सहित)
तिरुपति (आंध्र प्रदेश), दो अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण बुधवार को यहां तिरुमला मंदिर पहुंचे और अपनी 11 दिवसीय तपस्या (प्रायश्चित दीक्षा) संपन्न की, जो उन्होंने पूर्ववर्ती युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार के कथित पापों का प्रायश्चित करने के लिए की थी।
उपमुख्यमंत्री के साथ उनकी बेटियां आध्या कोनिडेला और पलिना अंजनी कोनिडेला भी मौजूद थीं।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘सनातन धर्म (हिंदू धर्म) की रक्षा के लिए 11 दिन की तपस्या करने वाले उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने बुधवार को श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किए और अपनी तपस्या संपन्न की।’’
अपनी यात्रा के दौरान, उपमुख्यमंत्री अपने साथ भगवान के लिए ‘वाराही घोषणा’ लेकर पहुंचे, जिसके बारे में वह बृहस्पतिवार को तिरुपति में एक बैठक में बताएंगे।
जनसेना की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘उपमुख्यमंत्री एवं जनसेना अध्यक्ष पवन कल्याण ने आज तिरुमला श्रीवारी (भगवान) के दर्शन किए। पवन कल्याण अपने साथ वाराही घोषणा की फाइल भी लेकर पहुंचे।’’
कल्याण फिलहाल मंदिर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। भगवान के दर्शन के बाद जनसेना के संस्थापक ने माताश्री तारिगोंडा वेंगामाम्बा नित्य अन्नदाना केंद्र में दोपहर का भोजन किया।
मंदिर में जाने से पहले कल्याण की सबसे छोटी बेटी पलिना अंजनी कोनिडेला ने तिरुमला मंदिर में घोषणा की कि वह भगवान वेंकटेश्वर में आस्था रखती हैं।
बताया जाता है कि उपमुख्यमंत्री की सबसे छोटी बेटी पलिना अंजनी कोनिडेला हिंदू नहीं हैं। तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के नियमों के अनुसार गैर-हिंदुओं को मंदिर में जाने से पहले भगवान में अपनी आस्था की घोषणा करनी होती है।
जनसेना की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘पलिना अंजनी कोनिडेला ने तिरुमाला में श्रीवारी (भगवान) के दर्शन के लिए घोषणापत्र दिया। उन्होंने टीटीडी कर्मचारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। चूंकि पलिना अंजनी नाबालिग हैं, इसलिए उनके पिता पवन कल्याण ने भी दस्तावेजों पर अपनी सहमति दर्ज कराई है।’’
यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और कई हिंदू संगठनों ने मांग की थी कि ईसाई धर्म से ताल्लुक रखने वाले वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी को मंदिर की यात्रा से पहले इसी तरह का घोषणा पत्र जारी करना चाहिए। हालांकि यह यात्रा रद्द कर दी गई थी।
भाषा खारी