टनकपुर-पिथौरागढ़ बारहमासी रोड अगले डेढ़ साल में भूस्खलन से मुक्त हो सकती है : विशेषज्ञ
सं, दीप्ति, रवि कांत
- 30 Sep 2024, 10:26 PM
- Updated: 10:26 PM
पिथौरागढ़, 30 सितंबर (भाषा) टनकपुर-पिथौरागढ़ बारहमासी रोड पर भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार के लिए परामर्श उपलब्ध करा रहे टीएसडीसी के विशेषज्ञों का कहना है कि अगले डेढ़ साल में यह मार्ग भूस्खलन से मुक्त हो सकता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या नौ पर चल रहे उपचार में तकनीकी परामर्श उपलब्ध करा रही विशेषज्ञों की टीम के अध्यक्ष नीरज अग्रवाल ने कहा, ''उपचार कार्य पूरा होने के बाद 90 प्रतिशत ढलान स्थिर हो जाएंगे जिससे मानसून के दौरान बार-बार होने वाले भूस्खलन से सड़क मुक्त हो जाएगी।''
अग्रवाल ने कहा कि भूस्खलन रोकने की दृष्टि से स्वाला में 150 मीटर से अधिक हिस्से को उपचार की जरूरत होगी।
उन्होंने बताया कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन (टीएसडीसी) सभी चारधाम सड़कों पर भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील ढलानों के स्थिरीकरण के लिए मार्च 2021 से परामर्श दे रही है।
अग्रवाल ने बताया कि पूर्व में उन्हें इस सड़क पर 60 भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार के संबंध में सलाह देने का कार्य दिया गया था लेकिन इस मानसून में 18 नए भूस्खलन क्षेत्र विकसित हो गए जिससे यह संख्या बढ़कर 78 हो गयी।
राष्ट्रीय राजमार्ग इंजीनियरों के अनुसार, भविष्य में टनकपुर-पिथौरागढ़ बारहमासी रोड पर नए भूस्खलन संवेदनशील क्षेत्रों के विकसित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि मानसून की अवधि में अब बारिश तेज और सघन हो रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग नौ के मुख्य अभियंता दयानंद ने कहा, '' यह बारिश का नया पैटर्न है और जब सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया था तो इस बात का अनुमान नहीं था।''
उन्होंने कहा कि निर्माण के समय सभी भूवैज्ञानिक कारकों को ध्यान में रखे जाने के बावजूद, मानसून के महीनों के दौरान बारिश की बदली प्रकृति के कारण इस साल नए भूस्खलन संवेदनशील ढलान विकसित हो गए। उन्होंने कहा कि स्वाला भी इसी तरह के संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है।
मुख्य अभियंता के अनुसार, सड़क भरे हुए वाहनों के लिए तैयार है क्योंकि इस स्थान पर एक नया रैंप बना दिया गया है ।
उन्होंने कहा कि स्वाला में सड़क पर जमा हो गए मलबे को भी साफ किया जा रहा है जिससे उपर से गिरने वाले नए मलबे के कारण यातायात बार-बार न रूके।'
भाषा
सं, दीप्ति, रवि कांत