बिना बिके मकानों की बिक्री में लगने वाला समय घटकर 22 महीने पर आयाः रिपोर्ट
निहारिका रमण प्रेम
- 30 Sep 2024, 08:38 PM
- Updated: 08:38 PM
नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) देश में बिना बिके मकानों की बिक्री में लगने वाले समय में खासी गिरावट आई है। जून तिमाही के अंत में ऐसे मकानों की बिक्री के लिए 22 महीनों की जरूरत रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 34 महीने थी। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
रियल एस्टेट क्षेत्र के बारे में परामर्श देने वाली कंपनी प्रॉपटाइगर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल-जून, 2024 तिमाही में बिना बिके मकानों की संख्या सालाना आधार पर दो प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,26,078 इकाई रह गई जो पहले 9,44,991 इकाई थी। यह आवासीय रियल एस्टेट में मजबूत मांग को दर्शाता है।
रिपोर्ट कहती है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बिना बिके मकानों की बिक्री में लगने वाला समय अप्रैल-जून के अंत में घटकर 31 महीने रह गया जबकि 2023 की समान तिमाही में यह अवधि 72 महीने थी। अहमदाबाद ने भी मजबूत प्रदर्शन किया और वहां बिना बिके मकानों की बिक्री का समय 33 महीने से घटकर 18 महीने रह गया।
रिपोर्ट के अनुसार नई आवासीय परियोजनाओं की पेशकश और उनकी बिक्री दरों में कमी आने के बावजूद भारत के आवासीय रियल एस्टेट बाजार ने मजबूती दिखायी है। बिक न पाए मकानों की बिक्री में कम समय लगने का मतलब है कि आपूर्ति की तुलना में मांग अधिक है।
प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के व्यवसाय प्रमुख विकास वधावन ने कहा, ‘‘बिना बिके मकानों की बिक्री के समय के घटकर 22 महीने पर आ जाना भारत के आवासीय रियल एस्टेट बाजार में मजबूत एवं निरंतर मांग को दर्शाता है। आने वाले त्योहारों को देखते हुए उम्मीद करते हैं कि यह सकारात्मक गति मजबूत होती रहेगी।’’
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में बिना बिके मकानों को बेचने का समय 36 महीने से घटकर 18 महीने, चेन्नई में 28 महीने से 24 महीने, दिल्ली-एनसीआर में 72 महीने से घटकर 31 महीने, हैदराबाद में 39 महीने से 26 महीने, कोलकाता में 34 महीने से घटकर 16 महीने, मुंबई में 33 महीने से घटकर 26 महीने और पुणे में 27 महीने से घटकर 21 महीने रह गया।
रिपोर्ट कहती है कि जून तिमाही में समूचे भारत में बिना बिके मकानों को बेचने का समय सालाना आधार पर 34 महीने से घटकर 22 महीने रह गया।
भाषा
निहारिका रमण प्रेम