सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास व्यक्तिगत कोच के साथ न्यूनतम साझा कार्य योजना हो: एनआरएआई प्रमुख
सुधीर आनन्द
- 30 Sep 2024, 08:34 PM
- Updated: 08:34 PM
(अजय मसंद)
नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कलिकेश सिंह देव ने सोमवार को कहा कि संघ एक ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ तैयार करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यक्तिगत और राष्ट्रीय कोच के बीच कोई विवाद नहीं हो।
पेरिस ओलंपिक से पहले व्यक्तिगत बनाम राष्ट्रीय कोच बड़ा मुद्दा बन गया था जिसमें एनआरएआई ने व्यक्तिगत कोच के लिए क्या करें और क्या ना करें की एक लंबी सूची बना दी थी जिससे कुछ कटुता पैदा हुई थी लेकिन संघ ने अंततः इस मुद्दे को सुलझा लिया।
कलिकेश ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘‘विचार यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्तिगत कोच और राष्ट्रीय कार्यक्रम... राष्ट्रीय कोच साथ-साथ काम करें क्योंकि 70 प्रतिशत समय खिलाड़ी व्यक्तिगत कोच के साथ रहेगा। वे टीम में आते-जाते रहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए व्यक्तिगत कोच पर निर्भरता है। और मुझे नहीं लगता कि हम इसे पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करना हमारा काम है कि हम अपने सभी खिलाड़ियों के लिए न्यूनतम साझा कार्य योजना लेकर आएं।’’
उन्होंने कहा कि पेरिस खेलों की तैयारियों के दौरान उन्होंने व्यक्तिगत और राष्ट्रीय कोच के बीच कोई अनबन नहीं हो यह सुनिश्चित करने की कोशिश की।
कलिकेश ने कहा, ‘‘ओलंपिक की तैयारियों के प्रयासों का एक बड़ा हिस्सा यह सुनिश्चित करना था कि व्यक्तिगत कोच और राष्ट्रीय कोच के बीच पारिस्थितिकी तंत्र सुचारू हो। यह पहले की तुलना में बेहतर था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य रूप से जब मैं कार्यवाहक अध्यक्ष बना (मई 2023 में) तो मैंने जो पहली कुछ चीजें कीं उनमें से एक एनआरएआई प्रणाली में व्यक्तिगत कोच के लिए एक जगह बनाना था जहां खिलाड़ी वास्तव में अपने व्यक्तिगत कोच के लिए मान्यता मांग सकते हैं।’’
ओलंपिक खेलों के लिए चयन नीति में लगातार होने वाले बदलाव निशानेबाजों और महासंघ के बीच विवाद का कारण रहा और कलिकेश ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि अगले ओलंपिक चक्र में संशोधनों के जरिए भारी बदलाव नहीं किए जाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक नीति अकेले मेरे द्वारा तय नहीं की जाती है। यह चयन समिति और तकनीकी समिति द्वारा तय की जाती है। इस नीति को खेल के मौजूदा हालात के अनुसार तैयार करने की जरूरत है। लेकिन कुल मिलाकर हम नीति में कोई भी भारी बदलाव करने से परहेज करते हैं।’’
एनआरएआई प्रमुख ने कहा कि यह समय विदेशी कोच को पूरी तरह से हटाने और देश के ओलंपिक पदक विजेताओं से उनकी भूमिका संभालने के लिए कहने का नहीं है लेकिन महासंघ धीरे-धीरे इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले से ही कुछ विदेशी कोच से (अगले ओलंपिक चक्र के लिए) बात कर रहे हैं। इस समय मुझे नहीं लगता कि आप विदेशी कोच को पूरी तरह से हटा सकते हैं। इस समय हम सर्वश्रेष्ठ कोच को जोड़ना चाहते हैं, चाहे वे भारतीय हों या विदेशी।’’
कलिकेश ने कहा, ‘‘इसलिए यह कोच की राष्ट्रीयता नहीं है बल्कि उनकी योग्यता और टीम के साथ काम करने की उनकी क्षमता है। लेकिन लंबे समय में, हां। हमें विदेशी कोच को खोजने की कोशिश करने की अपनी निर्भरता से बाहर निकलने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कुछ बहुत अच्छे निशानेबाज हैं जो अच्छे कोच हैं, जो अच्छे कोच बन रहे हैं और जो पहले से ही पारिस्थितिकी तंत्र में अच्छे कोच हैं।’’
एनआरएआई प्रमुख ने कहा, ‘‘ हम केवल सर्वश्रेष्ठ का चयन करेंगे, चाहे वे किसी भी देश से हों।’’
कलिकेश ने कहा कि एनआरएआई अगले महीने यहां कर्णी सिंह रेंज में होने वाले एलीट आईएसएसएफ विश्व कप फाइनल का पूरा खर्च वहन करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘एनआरएआई यहां निशानेबाजों के लिए डेढ़ करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार सहित पूरी प्रतियोगिता का खर्च वहन करने जा रहा है।’’
भाषा सुधीर आनन्द