वसंत कुंज मौत: दिल्ली पुलिस ‘तंत्रमंत्र’ के पहलू की जांच के लिए बुराड़ी मामले का अध्ययन करेगी
प्रशांत नरेश
- 29 Sep 2024, 06:38 PM
- Updated: 06:38 PM
नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस 2018 के बुराड़ी आत्महत्या मामले का अध्ययन करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के एक गांव में एक व्यक्ति और उसकी चार बेटियों की मौत में कोई “तंत्रमंत्र” का पहलू तो नहीं था। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मामले ने चिंता बढ़ा दी है क्योंकि टीम को चारों लड़कियों की कमर, हाथ और गर्दन पर लाल रंग का कलावा बंधा मिला है। मौके से मिठाई का एक डिब्बा भी बरामद किया गया है।
पुलिस के अनुसार, पिछले 28 वर्षों से वसंत कुंज स्थित इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में बढ़ई का काम करने वाले हीरा लाल शर्मा और उनकी चार बेटियों - नीतू (26), निक्की (24), नीरू (23) और निधि (20) ने आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने बताया कि शर्मा पिछले साल अपनी पत्नी की कैंसर के कारण हुई मौत के बाद से भावनात्मक और वित्तीय तनाव से जूझ रहे थे।
पुलिस ने कहा कि वे 2018 के बुराड़ी आत्महत्या मामले का अध्ययन करेंगे। “2018 में, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 सदस्यों को उनके घर पर मृत पाया गया था। सभी की आंखों पर पट्टी और मुंह पर टेप लगा हुआ था। इस हालिया मामले में, हमें पांच शव मिले - एक व्यक्ति और उसकी चार बेटियां, जिनमें से दो दिव्यांग थीं - उनके किराए के मकान में। फोरेंसिक टीम ने शुरुआती जांच के दौरान कमर, हाथ और गर्दन पर एक लाल धागा (कलावा/मौली) बंधा हुआ पाया। हमारी टीमें इस आत्महत्या के तार जोड़ने के लिए बुराड़ी मामले के रिकॉर्ड की जांच करेंगी।”
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “अभी तक हमें पता चला है कि शर्मा ने पिछले नौ महीनों में किसी से बात नहीं की थी। उन्हें और उनकी बेटियों को कभी-कभार ही बाहर देखा जाता था। उनकी पत्नी की मौत के बाद परिवार ने सभी से संपर्क तोड़ लिया था।”
अधिकारी ने कहा, “टीम ने घर से मिठाई का एक डिब्बा बरामद किया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के लिए मिठाई की दुकान पर भी जाएगी, ताकि उसके आने-जाने के रास्ते, उसने सल्फास (जहर) कहां से खरीदा और उसने यह कदम क्यों उठाया, के बारे में पता लगाया जा सके।”
अधिकारी ने बताया कि शर्मा रंगपुरी गांव में चार मंजिला आवासीय इमारत की तीसरी मंजिल पर फ्लैट में रहते थे। अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक मंजिल पर आठ फ्लैट हैं और उनमें से अधिकांश किराए पर हैं।
शुक्रवार दोपहर को मिले शवों पर किसी चोट के निशान नहीं थे। पुलिस को घर से ‘सल्फास’ के तीन पैकेट, पांच गिलास और एक चम्मच मिला जिसमें संदिग्ध तरल पदार्थ था।
पड़ोसियों ने दावा किया कि उन्होंने शर्मा और उनकी बेटियों को आखिरी बार मंगलवार को देखा था। गली के बाहर से उस दिन का सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किया गया है जिसमें शर्मा को हाथ में एक पैकेट लेकर घर में जाते हुए देखा गया था।
पुलिस ने बताया कि पड़ोसियों ने इमारत की तीसरी मंजिल पर स्थित फ्लैट से दुर्गंध आने की शिकायत की थी, जिसके बाद शव बरामद किए गए।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इमारत के मालिक नितिन चौहान को इमारत की देखभाल के लिये तैनात कर्मी ने दुर्गंध के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने दमकल विभाग की मदद से दरवाजा तोड़ा और पाया कि शर्मा एक कमरे में मृत पड़े हैं, जबकि उनकी चार बेटियों के शव दूसरे कमरे में मिले।
अधिकारी ने बताया कि शर्मा करीब 25,000 रुपये प्रति माह कमाते थे, लेकिन जनवरी से काम पर नहीं गए थे।
भाषा प्रशांत