शाहरुख, आमिर और सलमान खान मेरे तीन गुरु हैं : सोहम शाह
रवि कांत रवि कांत पवनेश
- 16 Sep 2024, 09:12 PM
- Updated: 09:12 PM
(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) राजस्थान के एक छोटे से शहर में पले-बढ़े सोहम शाह भी लाखों अन्य लोगों की तरह शाहरुख खान बनना चाहते थे। हालांकि उनकी इस आकांक्षा में बदलाव आया है। वह शाहरुख से अब भी प्रभावित हैं, लेकिन (सिनेमा की) यात्रा अपने तरीके से चाहते हैं।
वास्तव में, सोहम शाहरुख और उनके समकालीनों - सलमान खान और आमिर खान को अपने गुरुओं की तरह मानते हैं।
सोहम शाह ने यहां समाचार एजेंसी 'पीटीआई' मुख्यालय में संपादकों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि वह हिंदी सिनेमा की इस त्रिमूर्ति को 'अंतिम सुपरस्टार' मानते हैं और उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।
अभिनेता का कहना है कि उन्होंने शाहरुख से चित्ताकर्षण, सलमान से पहनावे का सलीका और आमिर से कार्य नैतिकता सीखी है।
मुंबई आने से पहले सोहम अपने गृहनगर श्रीगंगानगर में रियल एस्टेट का करोबार करते थे। अभिनय की दुनिया में उन्होंने एक असाधारण सफर तय किया है।
सोहम ने 'शिप ऑफ थिसस' और 'तुम्बाड' जैसी फिल्मों के अलावा 'महारानी' और दहाड़ जैसी प्रसिद्ध वेबसीरीज में काम किया है और वह ओटीटी मंच के दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।
सोहम ने कहा, ‘‘मैं शाहरुख खान को देखकर फिल्म जगत में आया... मैं शाहरुख खान का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं, लेकिन मेरे जीवन की यात्रा काफी अलग है। आपको एहसास होता है कि शाहरुख खान सिर्फ एक ही हो सकते हैं। ’’
उन्होंने शाहरुख को लेकर कहा, ‘‘ वह सुंदर और आकर्षक हैं, इसमें कोई शक नहीं, लेकिन मैं भी एक शख्स हूं और भगवान ने मुझे बहुत सलीके से बनाया है। मुझे इस बात की कोई शिकायत नहीं है कि मैं शाहरुख नहीं हूं। और मैं बनना भी नहीं चाहता। उन पर बहुत दबाव है। उन्हें अपने प्रशंसकों का अभिवादन स्वीकारने के लिए मन्नत से बाहर आना पड़ता है। ’’
हालांकि उन्होंने शाहरुख निर्मित ओटीटी सीरीज "बार्ड ऑफ ब्लड" में एक छोटी सी भूमिका को छोड़कर, तीनों खानों में से किसी के साथ सीधे तौर पर काम नहीं किया है, लेकिन अभिनेता ने कहा कि वह उनसे (शाहरुख से) काफी प्रभावित हैं।
सोहम ने कहा, ‘‘मेरे तीन गुरु रहे हैं - ब्रह्मा, विष्णु और महेश। ’’
अभिनेता ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘शाहरुख सर से मैंने चित्ताकर्षण और एक आदमी को कैसा होना चाहिए... शाहरुख खान जैसा आकर्षण किसी में नहीं हो सकता। किसी आदमी में पांच प्रतिशत शाहरुख खान नहीं है तो उसे जीने का भी हक नहीं है।’’
सोहम का कहना है कि वह युवा अवस्था के दौरान सलमान से भी बहुत प्रभावित हुए थे।
सोहम ने कहा, ‘‘... जब मैं कॉलेज में था, तो मेरा भाई जयपुर जा रहा था। मैंने उससे डेनिम लाने को कहा क्योंकि मैंने सलमान खान को डेनिम पहने देखा था।’’
सोहम ने आमिर खान को अपना 'द्रोणाचार्य' बताते हुए कहा, ‘‘'तुम्बाड' में उनका बहुत बड़ा योगदान है... एक प्रोजेक्ट के साथ छह-सात साल तक जीना (हुआ)। मैं उनकी विचारधारा का गहराई से पालन करता हूं। उनका दर्शन है कि एक फिल्म पर काम करो लेकिन सही काम करो।’’
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