केदारनाथ मार्ग पर व्यवसायी, तीर्थ पुरोहित सभी वर्गों के साथ सरकार कर रही मनमानी: कांग्रेस नेता
दीप्ति खारी
- 15 Sep 2024, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
देहरादून, 15 सितंबर (भाषा) कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष करन माहरा ने रविवार को आरोप लगाया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर व्यवसायियों, घोड़ा-खच्चर संचालकों, तीर्थ पुरोहितों सहित सभी वर्गों के साथ मनमानी की जा रही है जिससे लोगों में आक्रोश पैदा हो रहा है।
केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का केदारनाथ में शुक्रवार को समापन करने के बाद माहरा ने तीर्थ पुरोहितों तथा स्थानीय व्यवसायियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में जाना।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ने कहा कि केदारनाथ में ‘‘हर वर्ग सरकार की मनमानी का शिकार हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि यात्रियों के पंजीकरण के नाम पर केदारनाथ यात्रा प्रभावित हुई जिसका असर स्थानीय व्यापारियों पर भी पड़ा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि व्यापारियों ने बैंक से जो कर्ज लिया है उसकी किस्त भी नहीं दे पा रहे हैं जिससे व्यापारियों में भारी आक्रोश है।
माहरा ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों से प्रति तंबू 80 हजार रुपये वसूले गए लेकिन सही तरीके से यात्रा संचालित नहीं होने के कारण उन्हें भारी नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि इसी तरह प्रशासन द्वारा प्रति कच्ची दुकान के लिए 5,900 रुपये की पर्ची काटी गयी और उसके बाद उन्हीं दुकानदारों का वन विभाग द्वारा 10 हजार रुपये का चालान काटा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे स्पष्ट है कि सरकारी विभागों में कोई समन्वय नहीं है जिस कारण स्थानीय नौजवानों का आर्थिक शोषण हो रहा है।’’
माहरा ने कहा कि घोड़ा-खच्चर संचालकों से सरकार ने प्रति चक्कर 300 रुपये वसूले गए लेकिन उसके बाद भी जगह-जगह पर ‘‘अवैध रूप’’ से उनसे 1000-2000 रुपये के चालान भी काटे जा रहे हैं जो सरासर अन्याय है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केदारनाथ धाम में पुन:निर्माण के नाम पर भी तीर्थ पुरोहितों और अन्य हितधारकों के साथ अन्याय किया जा रहा है जिसका लगातार विरोध हो रहा है लेकिन सरकार अपनी मनमानी से बाज नही आ रही।
माहरा ने कहा, ‘‘अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर से लगातार लोगों के प्रतिष्ठानों को तोड़ा जा रहा है जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है।’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में एक मंजिल से अधिक का निर्माण प्रतिबंधित है परन्तु वहां बहुमंजिला भवन ‘‘धड़ल्ले’’ से बनाये जा रहे हैं जो किसी बड़ी आपदा को खुला निमंत्रण है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2013 की केदारनाथ आपदा के समय जिस भीम शिला ने मंदिर की रक्षा की, उसके पीछे भी बड़ी-बड़ी मशीनों से खुदाई कर एक बड़े निर्माण की तैयारी की जा रही है जो ‘‘निश्चित ही भविष्य में बड़ा खतरा साबित होगा।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाल में 31 जुलाई को घटित आपदा में मृत और लापता व्याक्तियों का सही आंकड़ा तक प्रशासन के पास नही है और न ही अब तक आपदा में हुए नुकसान का सही मूल्यांकन किया गया।
उन्होंने कहा कि मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त है जिससे श्रद्धालुओं और आम जनमानस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
माहरा ने कहा कि केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का उद्देश्य केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकना था जिसमें दिल्ली के बुराड़ी में बन रहे केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण को रोकने में कामयाबी मिली।
उन्होंने कहा, ‘‘केदारनाथ धाम से बुराड़ी ले जाई गई शिला अभी तक वापस नहीं आई है और न ही ‘दिल्ली के सेठों’ ने एकत्रित किया चंदा वापस किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक इस बात का जवाब भी नहीं मिला है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह का 228 किलो सोना पीतल में कैसे बदला।’’
भाषा दीप्ति