उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर, चार लोगों की मौत
दीप्ति, रवि कांत
- 14 Sep 2024, 05:34 PM
- Updated: 05:34 PM
देहरादून, 14 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के कई स्थानों खासतौर से कुमाऊं क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गयी और दो अन्य लोग लापता हो गए जबकि जगह-जगह भूस्खलन होने से राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 478 सड़कें यातायात के लिए अवरूद्ध हो गईं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुमाऊं क्षेत्र के हल्द्वानी में 337 मिलीमीटर, नैनीताल में 248 मिमी, चंपावत में 180 मिमी, चोरगलिया में 149 मिमी, रुद्रपुर में 127 मिमी, धारी में 105 मिमी, कालाढूंगी में 97 मिमी, पिथौरागढ़ में 93 मिमी, जागेश्वर में 89.50 मिमी, किच्छा में 85 मिमी, सीतलाखेत में 75.5 मिमी, कनालीछीना में 75 मिमी, बनबसा में 71 मिमी, सल्ट में 66.5 मिमी, सितारगंज में 66 मिमी और अल्मोड़ा में 60 मिमी बारिश दर्ज की गयी।
पिथौरागढ़ में शुक्रवार अपराह्न लगभग डेढ़ बजे भारी बारिश के कारण गणकोट गांव में बुद्धा मंदिर के समीप एक आवासीय भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण उसके मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गयी। महिला की पहचान देवकी देवी उपाध्याय (75) के रूप में हुई। पिथौरागढ़ के गणकोट में ही एक अन्य घटना में अतिवृष्टि के दौरान भूस्खलन होने से मलबे के नीचे दबकर 22 वर्षीय विपिन कुमार घायल हो गया।
आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में उच्च हिमालयी क्षेत्र ज्योलिंगकांग गांव में कैलाश चोटी के दर्शन के लिए गए पंजाब के जालंधर के रहने वाले 45 वर्षीय एक पर्यटक की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गयी। पर्यटक की पहचान स्वदेश नन्चाहल के रूप में हुई है।
वहीं, चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र में भारी बारिश के परिणामस्वरूप हुईं दो अलग-अलग घटनाओं में दो महिलाओं की मौत हो गयी और एक पुरुष लापता हो गया। लोहाघाट के ढोरजा गांव में अतिवृष्टि के कारण एक गोशाला के ऊपर मलबा गिरने से उसमें काम कर रही एक महिला दब गयी। महिला की पहचान 58 वर्षीय माधवी देवी के रूप में हुई।
एक अन्य घटना लोहाघाट के मटियानी गांव में हुई जहां भूस्खलन होने से महिला की मृत्यु हो गयी जबकि एक अन्य लापता हो गया। मृतक महिला की पहचान 60 वर्षीय शांति देवी के रूप में हुई है। घटना में जगदीश सिंह नाम का पुरुष लापता हो गया जिसकी तलाश की जा रही है।
उधर, उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज क्षेत्र में कोंधा अशरफ गांव में अपने खेत में चारा काट रहा 38 वर्षीय गुरनाम सिंह पास ही स्थित कैलाश नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से उसके तेज बहाव में बह कर लापता हो गया।
परिचालन केंद्र के अनुसार, लगातार बारिश से कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी और करीब 500 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है। उधमसिंह नगर जिले की खटीमा तहसील के खेतलसंडाखाम गांव के 34 परिवारों के 180 व्यक्तियों को गांव में ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय ले जाया गया जबकि नानकमत्ता क्षेत्र के विचुआ और टुकडी गांवों के 14 परिवारों के 70 व्यक्तियों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय विचुआ पहुंचाया गया।
चंपावत जिले के पूर्णागिरि क्षेत्र में छीनीगोट में 25 व्यक्तियों को राहत शिविर में रखा गया है जबकि चंपावत तहसील में 200 व्यक्तियों को रैन बसेरा, 50 व्यक्तियों को राजकीय इंटर कॉलेज स्वाला तथा 110 अन्य व्यक्तियों को अमोड़ी में रखा गया है। प्रशासन द्वारा उनके भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है।
भारी बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन होने से राष्ट्रीय राजमार्गों सहित प्रदेश की करीब 478 सड़कें यातायात के लिए बाधित हो गयी हैं जिससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। रुद्रप्रयाग-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच अवरूद्ध है जबकि ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तरकाशी में ओरछा बैंड के पास तथा टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग स्वाला, संतोला एवं चलथी में बंद है। इसके अलावा, ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नंदप्रयाग और चटवापीपल में बंद है।
अधिकारियों ने बताया कि इन मार्गों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इन पर यातायात सुचारू रूप से शुरू किया जा सके।
भाषा
दीप्ति, रवि कांत