विभिन्न दलों के नेताओं ने येचुरी के निधन पर शोक जताया
अमित अविनाश
- 12 Sep 2024, 09:57 PM
- Updated: 09:57 PM
नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर बृहस्पतिवार को शोक व्यक्त किया। कई नेताओं ने उन्हें एक प्रभावी सांसद, माकपा का एक स्तंभ और व्यावहारिक प्रवृत्ति वाला ‘‘धुर मार्क्सवादी’’ बताया।
येचुरी का बृहस्पतिवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। येचुरी 72 वर्ष के थे। उनकी हालत पिछले कुछ दिन से गंभीर बनी हुई थी और उन्हें कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके परिवार और सहयोगियों के प्रति संवेदना जतायी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि येचुरी सार्वजनिक सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सीताराम येचुरी जी के निधन से दुखी हूं। वह वामपंथियों में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व थे और दलगत राजनीति से ऊपर सभी से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे। येचुरी ने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।’’
माकपा ने अपने महासचिव येचुरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और इसे वामपंथी, लोकतांत्रिक तथा धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए एक बड़ा झटका करार दिया।
कांग्रेस ने भी येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) के संरक्षक थे और उन्हें देश की गहरी समझ थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कॉमरेड सीताराम येचुरी जी के निधन पर मेरी गहरी संवेदना। वह एक विनम्र नेता थे। एक उत्कृष्ट सांसद और उत्कृष्ट बुद्धिजीवी, होने के साथ ही उन्होंने आदर्शवाद के साथ व्यावहारिकता का तालमेल बैठाते हुए भारत के लोगों की सेवा की।’’
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि येचुरी लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करने वाले नेता थे और भारत की विविधता की रक्षा के प्रति दृढ़ संकल्पित थे।
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सीताराम येचुरी जी मित्र थे। हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले और भारत की अवधारणा के संरक्षक थे। मुझे हमारे बीच होने वाली लंबी चर्चाओं की कमी खलेगी। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन ‘‘हम सभी के लिए एक गहरी क्षति है।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने येचुरी के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘‘सीताराम येचुरी एक बहुत अच्छे इंसान, बहुभाषी, व्यावहारिक प्रवृत्ति वाले धुर मार्क्सवादी, माकपा के एक स्तंभ और विलक्षण बौद्धिक क्षमता व हास्यबोध वाले शानदार सांसद थे। वह अब नहीं रहे।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमारा तीन दशकों का साथ रहा। हमने विभिन्न अवसरों पर निकटता से एक-दूसरे का सहयोग किया। हर राजनीतिक दल में उनके मित्र थे और दृढ़ विश्वास तथा आकर्षक व्यक्तित्व के लिए उनकी प्रशंसा की जाती थी।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने भी येचुरी को श्रद्धांजलि दी और कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘माकपा महासचिव और पूर्व राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी के निधन से दुखी हूं। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने एक सुलझे हुए सांसद के रूप में पहचान बनाई। वह अपने ज्ञान और अभिव्यक्ति के लिए भी जाने जाते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे दोस्त भी थे, जिनके साथ मुझे कई बार संवाद का मौका मिला। मैं उनके साथ अपनी बातचीत को हमेशा याद रखूंगा। उनके शोक संतप्त परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।’’
केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने येचुरी के परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘सीताराम येचुरी के निधन से गहरा दुख हुआ। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हार्दिक संवेदना।’’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि येचुरी ने अपना पूरा जीवन देश के लिए लगा दिया।
कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति बताया।
बनर्जी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘सीताराम येचुरी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। मैं उन्हें एक वरिष्ठ सांसद के रूप में जानती थी और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति है। मैं उनके परिवार, मित्रों और सहयोगियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।’’
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, झारखंड, बिहार, कर्नाटक और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने भी शोक व्यक्त किया। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद ने भी येचुरी के निधन पर दुख व्यक्त किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया और पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता तथा राजनीति में उनके द्वारा लाए गए मूल्यों की सराहना की।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज झा ने कहा, "मैं इस खबर पर यकीन नहीं कर पा रहा हूं। मैं उनसे कुछ हफ्ते पहले ही मिला था। कॉमरेड सीताराम ऊर्जा से भरे हुए थे, वह हमेशा आगे की योजना बनाते रहते थे।"
भारत में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा, ‘‘मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन से बहुत दुखी हूं। इस कठिन समय में उनके परिवार और माकपा के साथियों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। वे एक कट्टर मार्क्सवादी और चीनी लोगों के पुराने मित्र थे। चीन-भारत संबंधों और मैत्री में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वे एक प्रतिबद्ध और संवेदनशील राजनीतिक नेता थे।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक संदेश में कहा, "माकपा नेता सीताराम येचुरी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। हम उनकी पार्टी के लोगों और परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।"
आरएसएस पदाधिकारी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘येचुरी एक प्रतिबद्ध और संवेदनशील नेता थे। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।’’
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के उनके समकक्ष नायब सिंह सैनी ने भी येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन देश के राजनीतिक परिदृश्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
मान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "सीताराम येचुरी जी के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। उनका निधन देश के राजनीतिक परिदृश्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं उन्हें अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवार, सहयोगियों और साथियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, "माकपा महासचिव सीताराम येचुरी जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है।"
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ से स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया के एक सदस्य के रूप में शुरुआत करने वाले और 1984 में माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य बनने वाले येचुरी 1992 में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए थे।
उन्होंने 2005 से 2017 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्य किया। अप्रैल 2015 में विशाखापत्तनम में 21वीं पार्टी कांग्रेस में प्रकाश करात से पदभार ग्रहण करते हुए वह माकपा के पांचवें महासचिव बने। उन्होंने लोकसभा चुनावों से पहले संयुक्त विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
भाषा अमित