रशीद तिहाड़ जेल से बाहर आए, प्रधानमंत्री मोदी के ‘नया कश्मीर’ विमर्श से लड़ने का संकल्प लिया
नोमान माधव
- 11 Sep 2024, 09:27 PM
- Updated: 09:27 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी की अदालत से आतंकवाद के वित्त-पोषण मामले में अंतरिम ज़मानत मिलने के एक दिन बाद बुधवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘नया कश्मीर विमर्श’ से लड़ेंगे।’
जेल से बाहर आने के बाद रशीद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर कश्मीर को “तबाह” करने का आरोप लगाया। वह दो अक्टूबर तक अंतरिम ज़मानत पर बाहर आए हैं।
उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए बारामूला के सांसद ने कहा कि वह “साढ़े पांच साल से तिहाड़ में मर” रहे थे जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता “लंदन में छुपे हुए थे।
इंजीनियर रशीद ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था।
शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद को 2017 के आतंकवाद का वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था। वह 2019 से जेल में थे। वह तिहाड़ जेल में बंद थे।
एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने बताया, “रशीद को शाम 4.15 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। उनके बेटों और समर्थकों ने उनका स्वागत किया
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद को मंगलवार को अंतरिम जमानत प्रदान की।
जम्मू-कश्मीर की 90-सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन चरणों में चुनाव होंगे। नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
रशीद की पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ रही है।
उन्होंने तिहाड़ जेल के बाहर संवाददाताओं से कहा, “साढ़े पांच साल बाद जेल से बाहर आकर मैं ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं। मुझे अपने लोगों पर गर्व है। मैं संकल्प लेता हूं कि मैं अपने लोगों को मायूस नहीं करूंगा... मैं उनके लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं लोगों को एकजुट करूंगा, उन्हें बाटूंगा नहीं।”
रशीद ने कहा, “मैं कश्मीर में स्थायी शांति लाना चाहता हूं और यह साबित करना चाहता हूं कि कश्मीरी पत्थरबाज नहीं हैं। लेकिन हम अपने राजनीतिक अधिकारों से समझौता नहीं करेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए रशीद ने कहा, “मैं मोदी के नए कश्मीर के विमर्श के खिलाफ लड़ने का संकल्प लेता हूं, जो जम्मू-कश्मीर में बुरी तरह नाकाम हो गया है। लोगों ने उनके विमर्श को खारिज कर दिया है।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा था कि रशीद को कश्मीर के लोगों की सेवा करने के लिए नहीं, बल्कि उनसे वोट लेने के लिए जमानत दी गई है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी को भाजपा की ‘छद्म’ पार्टी बताए जाने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बहुत सतर्क हैं, लेकिन ‘‘यह अच्छा है कि महबूबा ने खुले तौर पर वह कहा है जो कई लोग सोच रहे थे।’’
पलटवार करते हुए एआईपी नेता ने कहा, “मेरी लड़ाई उमर अब्दुल्ला की बातों से कहीं बड़ी है। मैं साढ़े पांच साल तक तिहाड़ जेल में मर रहा था और वह लंदन में छुपे रहे। उनकी लड़ाई कुर्सी के लिए है, मेरी लड़ाई कश्मीर के लोगों के लिए है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के उतरने के बारे में रशीद ने कहा कि उनका विपक्षी ‘इंडिया’ गंठबंधन या सत्तारूढ़ राजग से कोई लेना-देना नहीं है। “मैं अकेले लड़ रहा हूं।”
रशीद ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर भी हमला करते हुए कहा, “मैडम (महबूबा) और उनके पिता (दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद) ने कश्मीर को जो नुकसान पहुंचाया है... मैं कहना चाहूंगा कि कश्मीर के सबसे बड़े गद्दार फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला हैं... और महबूबा मुफ्ती उनकी विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने कश्मीर को तबाह कर दिया है।”
न्यायाधीश ने मंगलवार को रशीद को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत पर राहत दी। उन्होंने सांसद पर कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें मामले के बारे में मीडिया से बात नहीं करना शामिल है।
न्यायाधीश ने रशीद को तीन अक्टूबर को संबंधित जेल में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
इस बीच, न्यायाधीश ने मामले में रशीद की नियमित जमानत याचिका पर फैसला पांच अक्टूबर के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले अदालत ने रशीद को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पांच जुलाई को हिरासत के तहत पैरोल दी थी।
भाषा नोमान