शाह ने मप्र के दुग्ध संघों का संचालन एनडीडीबी को सौंपने के फैसले का स्वागत किया
ब्रजेन्द्र वैभव
- 11 Sep 2024, 07:19 PM
- Updated: 07:19 PM
नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘मध्यप्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन’ और इससे संबद्ध दुग्ध संघों का संचालन राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपे जाने के मध्य प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस दिशा में पूरे प्रदेश में काम करने का सुझाव दिया।
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक शाह ने यादव से यहां नॉर्थ ब्लॉक में हुई भेंट के दौरान यह बात कही।
दोनों नेताओं ने प्रदेश के सहकारिता क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की, जिसमें शाह ने सहकारिता क्षेत्र में किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों में केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया।
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सहकारी संघ और इससे संबद्ध दुग्ध संघों का संचालन अगले पांच साल के लिए एनडीडीबी को सौंपने के कदम का विरोध करते हुए इसे गुजरात की सहकारी डेयरी ‘अमूल’ द्वारा मध्यप्रदेश के दूध ब्रांड ‘सांची’ को अपने कब्जे में लेने के लिए ‘पिछले दरवाजे से किया गया प्रयास’ करार दिया है।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री यादव ने दुग्ध संघों के प्रबंधन और संचालन आगामी पांच वर्ष के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से किए जाने पर बनी सहमति से उन्हें अवगत कराया।
यादव ने बताया कि इस समझौते से लगभग 11 हजार गांवों के पशुपालक और दुग्ध-उत्पाद किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और सरकार के माध्यम से सहकारिता के क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में इन 11 हजार गांवों में बहुउद्देशीय सहकारी संस्थाओं का गठन किया जाएगा।
बयान में कहा गया, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने प्रदेश शासन के इस नवाचार निर्णय की सराहना की और इस दिशा में पूरे प्रदेश में काम करने का सुझाव दिया। शाह ने सहकारिता क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों में केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया।’’
इसके मुताबिक मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस निर्णय से प्रदेश के दुग्ध-उत्पादक किसानों की संपन्नता के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों को भी लाभ मिलेगा।
बयान में कहा गया, ‘‘किसानों को कृषि आधारित उद्योगों के लिए न केवल कच्चे माल बल्कि उनके उत्पादों पर भी पूरी भागीदारी मिलेगी।’’
मुख्यमंत्री ने शाह को रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में संभाग स्तर पर आयोजित किए जा रहे ‘क्षेत्रीय औद्योगिक सम्मेलन’ के बारे में भी जानकारी दी।
यादव ने केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन किए जाने के निर्णय के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
मुख्यमंत्री यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई एक बैठक के दौरान मध्यप्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन’’ और इससे संबद्ध दुग्ध संघों का संचालन अगले पांच साल के लिए एनडीडीबी को सौंपने पर सहमति बनी थी।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए बुधवार को ‘‘एक्स’’ पर कहा, ‘‘जैसे सांची मध्यप्रदेश का ब्रांड है, वैसे ही अमूल गुजरात का ब्रांड है। पिछले दरवाजे से सांची पर कब्जा किया जा रहा है। अमूल काफी समय से मध्यप्रदेश में अपना विस्तार करना चाह रहा था। उसने बड़ा संयंत्र भी स्थापित किया, लेकिन रास्ता नहीं मिल रहा था। मध्यप्रदेश सरकार, मत घुटने टेकिए।’’
भाषा ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र