कोलकाता: इमारतों में आ रही दरार और रिसाव के विरोध में बऊबाजार के निवासियों ने किया प्रदर्शन
योगेश नरेश
- 06 Sep 2024, 01:56 PM
- Updated: 01:56 PM
कोलकाता, छह सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल में कोलकाता के बऊबाजार इलाके में दुर्गा पिटुरी लेन के निवासियों ने शुक्रवार को कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (केएमआरसीएल) के अधिकारियों के साथ स्थानीय इमारतों में दरार आने और पानी के रिसाव को लेकर बहस हो गई। उनका आरोप है कि यह समस्या 'ड्रिलिंग ऑपरेशन' के कारण हुई है।
केएमआरसीएल ने एहतियात के तौर पर बृहस्पतिवार रात को 52 लोगों को निकालकर स्थानीय होटलों में स्थानांतरित कर दिया। यह कदम पूर्व-पश्चिम मेट्रो गलियारे के सियालदाह-एस्प्लेनेड खंड में सुरंग के निर्माण कार्य के दौरान भूमिगत जल रिसाव की समस्या सामने आने के बाद उठाया गया।
केएमआरसीएल के एक अधिकारी ने कहा, "हमने एहतियात के तौर पर 11 परिवारों के 52 लोगों को चार नजदीकी होटलों में भेज दिया है। अभियंताओं ने कहा कि रिसाव को रोक दिया गया है, लेकिन निवासियों को वापस आने की अनुमति देने से पहले हम एक या दो दिन तक स्थिति पर नजर रखेंगे।"
इसी बीच निवासियों ने निराशा व्यक्त की तथा दावा किया कि कोई भी इन समस्याओं की जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।
स्थानीय पार्षद विश्वरूप डे ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, "लोग परेशान हो चुके हैं। 2019 से केएमआरसीएल इन मुद्दों को हल करने के लिए कोई समय सीमा बताने में विफल रहा है। कोई भी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है और लोगों को उनके घरों से विस्थापित कर दिया गया है।"
मध्य कोलकाता के बऊबाजार क्षेत्र के निवासियों ने अधिकारियों से जवाबदेही की मांग की।
एक निवासी ने कहा, "हर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी किसी और पर डाल रहा है। हम चाहते हैं कि कोई जिम्मेदारी ले।"
जवाब में, निवासियों ने कुछ समय के लिए सेंट्रल मेट्रो स्टेशन तक के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया, जिससे लोगों के कार्यालय जाने के समय के दौरान यात्रियों को असुविधा हुई। कोलकाता पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर व्यवस्था बहाल की।
वर्ष 2022 से ही जमीन धंसने और इमारतों में दरार आने की समस्या जारी है। 2022 और 2023 में दुर्गा पिटुरी में काफी नुकसान होने की खबर है। स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है तथा निवासियों ने धमकी दी है कि अगर उनकी परेशानियों का समाधान नहीं किया गया तो वे मेट्रो ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भाषा योगेश