जबलपुर महिला कॉलेज की छात्राओं से पैसे ऐंठने की कोशिश करने वाले ‘पुलिसकर्मी’ की जांच शुरू
सं दिमो मनीषा सुरभि
- 06 Sep 2024, 01:54 PM
- Updated: 01:54 PM
जबलपुर (मप्र), छह सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक व्यक्ति द्वारा खुद को पुलिसकर्मी बताकर एक महिला कॉलेज की कई छात्राओं को निशाना बनाने का मामला सामने आया है। व्यक्ति सोशल मीडिया पर अश्लील तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगाकर छात्राओं से पैसे ऐंठता था। शुक्रवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
जबलपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आदित्य प्रताप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि पिछले चार दिनों में मध्य प्रदेश के शहर में सरकारी मनकुंवर बाई महिला कॉलेज की कई छात्राओं को जालसाज की ओर से पुलिस कार्रवाई की धमकी देने वाले फोन और संदेश मिले हैं।
एसपी ने बताया कि फोन करने वाला खुद को ‘‘पुलिस अधिकारी विक्रम गोस्वामी’’ बताता और महिलाओं से कहता कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अश्लील तस्वीरें और वीडियो अपलोड किए हैं और अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन पर मामला चलाया जाएगा।
पुलिस को संदेह है कि अपराधी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल कर छात्राओं की तस्वीर और वीडियो बनाकर उन्हें निशाना बना रहा था। इनमें से दो छात्राओं ने उसे 2,000 और 3,000 हजार रुपये भी भेजे थे। उन्होंने कहा कि वे यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उसे छात्राओं के नंबर कैसे मिले।
फोन करने वाले ने छात्राओं के मोबाइल फोन पर आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियो का लिंक भेजा था और उन्हें ‘‘सोशल मीडिया पर ऐसी अश्लील क्लिप साझा करने’’ के आरोप में पुलिस में मामला दर्ज करने की धमकी दी थी।
अधिकारी ने कहा कि उसने छात्राओं से यह भी कहा कि पुलिस की एक टीम उनके माता-पिता से मिलने जाएगी।
सिंह ने कहा कि छात्राओं द्वारा धमकी भरे फोन और संदेशों के बारे में सूचित किए जाने के बाद, कॉलेज प्रबंधन ने पुलिस को सूचित किया।
एसपी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66 (संचार सेवा आदि के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश भेजना) और 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सक्सेना ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि वीडियो एआई तकनीक का उपयोग करके बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी सारी छात्राओं के मोबाइल नंबर फोन करने वाले के पास कैसे पहुंचे। उन्होंने बताया कि जालसाज की पहचान के प्रयास जारी हैं।
भाषा सं दिमो मनीषा