आरजी कर अस्पताल की घटना: 13 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई
नोमान रंजन
- 03 Sep 2024, 10:19 PM
- Updated: 10:19 PM
कोलकाता, तीन सितंबर (भाषा) आर जी कर अस्पताल की मृत महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग करते हुए, निजी अस्पतालों के डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों सहित हजारों लोगों ने मंगलवार को शहर की मुख्य सड़क पर 13 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई। हाल के वर्षों में शहर के इतिहास में यह एक अभूतपूर्व घटना है।
मानव श्रृंखला में भाग लेने वाले लोग उल्टाडांगा और पाटुली के बीच ईस्टर्न मेट्रोपोलिटन बाईपास के डिवाइडर पर खड़े हुए।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने शाम पांच बजे से एक घंटे तक सड़क पर रहने के दौरान क्रॉसिंग को बाधित नहीं किया, इसलिए विरोध जताने के इस तरीके से व्यस्त सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित नहीं हुई और सैकड़ों वाहन बिना किसी रुकावट के चलते रहे।
मानव श्रृंखला में शिरकत करने वाले लोगों ने तिरंगा लहराया और वे हाथों में तख्तियां थामे हुए थे जिन पर लिखा था, 'हमें न्याय के लिए कब तक इंतजार करना होगा', 'बलात्कारियों को फांसी दो' और 'हमारी बहन को न्याय दो'।
सभी वर्गों के लोग, कार्यालय जाने वाले लोग, दैनिक यात्री, तथा मार्ग के आस-पास के इलाकों के लोग भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
इस बीच, वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने एक रैली में हिस्सा लिया और सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के मामले को कथित तौर पर गलत तरीके से संभालने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की।
पुलिस को सरकारी अस्पताल के पास श्यामबाजार में प्रदर्शनकारियों को शांत करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, जिन्होंने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए।
पुलिस ने वाम मोर्चा के छात्र और युवा इकाई के सदस्यों को खदेड़ दिया, लेकिन वे थोड़ी दूर जाकर फिर से एकत्र हो गए।
वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस, माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती और अन्य वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में रैली में शामिल लोगों ने राजाबाजार ट्राम डिपो से श्यामबाजार तक तीन किलोमीटर की दूरी पैदल तय की।
चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा, “आर जी कर मामले की जांच को पटरी से उतारने और दोषियों को बचाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी और प्रशासन द्वारा की गई दुस्साहसिक कोशिश पहले ही उजागर हो चुकी है। महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने में मुख्यमंत्री की विफलता स्पष्ट है। राज्य के लोग मांग करते हैं कि उन्हें पद छोड़ देना चाहिए और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।”
भाषा नोमान