प्रधानमंत्री मोदी ऐतिहासिक दौरे पर कीव पहुंचे, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से करेंगे वार्ता
ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नेत्रपाल
- 23 Aug 2024, 04:33 PM
- Updated: 04:33 PM
कीव, 23 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को युद्धग्रस्त देश यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा शुरू की। मॉस्को की यात्रा के सिर्फ छह सप्ताह बाद हो रही उनकी इस यात्रा पर दुनिया भर की निगाहें हैं। इस दौरान वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर बातचीत करेंगे।
यूक्रेन के 1991 में स्वतंत्र होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की देश की पहली यात्रा है और यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन ने हाल ही में रूसी क्षेत्र में आक्रामक सैन्य अभियान चला रखा है।
पोलैंड से करीब 10 घंटे की ट्रेन यात्रा के बाद हयात होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
इसके तुरंत बाद मोदी ने यूक्रेन राष्ट्रीय संग्रहालय में शहीदों पर आधारित एक मल्टी-मीडिया प्रदर्शनी का मुआयना किया, जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने गर्मजोशी से प्रधानमंत्री से हाथ मिलाया और उन्हें गले लगाया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष में जान गंवाने वाले बच्चों की याद में स्थापित मार्मिक प्रदर्शनी देखकर प्रधानमंत्री भावुक हो गए।
मोदी ने इस पर शोक जताया और मारे गए बच्चों के सम्मान में उन्हें याद करते हुए एक खिलौना रखा।
प्रधानमंत्री करीब सात घंटे कीव में बिताएंगे।
जेलेंस्की के साथ बातचीत से पहले मोदी ने कीव में ‘ओएसिस ऑफ पीस’ पार्क स्थित सत्य और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी ने सौहार्दपूर्ण समाज के निर्माण में गांधी के शांति के संदेश की कालातीत प्रासंगिकता को रेखांकित किया और कहा कि उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करता है।
इससे पहले, कीव पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज सुबह कीव पहुंचा। भारतीय समुदाय ने बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया।’’
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें वह भारतीय समुदाय के लोगों का अभिवादन और उनसे बातचीत करते दिखते हैं।
मोदी, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ पहले आमने-सामने और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे, जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष का बातचीत के जरिए समाधान निकालने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री की कीव यात्रा को कई हलकों में कूटनीतिक संतुलन के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि उनकी रूस यात्रा से पश्चिमी देशों में नाराजगी पैदा हो गई थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सुबह एक ऐतिहासिक आधिकारिक यात्रा पर कीव पहुंचे। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की यह पहली यात्रा है।’’
प्रधानमंत्री पोलैंड से कीव तक ‘रेल फोर्स वन’ ट्रेन से गए, जिसमें करीब 10 घंटे का समय लगा। मोदी की दो देशों की यात्रा का यह अंतिम चरण है।
कीव की यात्रा से लगभग छह सप्ताह पहले मोदी ने रूस की यात्रा की थी, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संघर्ष समाप्ति के मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया था।
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ वार्ता के बाद मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष ‘गहरी चिंता’ का विषय हैं और शांति बहाल करने के लिए ‘बातचीत तथा कूटनीति’ ही रास्ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत का दृढ़ता से यह मानना है कि युद्ध के मैदान में किसी समस्या का हल नहीं निकलता। किसी भी संकट में निर्दोष लोगों की जान जाना पूरी मानवता के लिए बड़ी चुनौती है।’’
उन्होंने वारसॉ में मीडिया को दिए एक बयान में कहा, ‘‘हम शांति और स्थिरता के लिए बातचीत और कूटनीति का समर्थन करते हैं। इसके लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।’’
मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी।
बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सबकुछ करेगा, जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि ‘बातचीत और कूटनीति’ के माध्यम से ही शांति लाई जा सकती है।
बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को कीव आने का निमंत्रण दिया था।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र