भाजपा के साथ गोपनीय संबंधों की कोई जरूरत नहीं : स्टालिन
रवि कांत रवि कांत रंजन
- 19 Aug 2024, 07:44 PM
- Updated: 07:44 PM
(फोटो के साथ)
चेन्नई, 19 अगस्त (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के साथ गोपनीय संबंध रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।
स्टालिन ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि द्रमुक ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपने दिवंगत नेता एम करुणानिधि की जन्म शताब्दी के अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी करने के लिए आमंत्रित किया था, यह कहना बिल्कुल गलत है कि द्रमुक और भाजपा के बीच गोपनीय संबंध हैं।
द्रमुक के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि पार्टी अपने सिद्धांतों पर दृढ़ता से अडिग है और ''विरोध करना है या समर्थन देना है'' इस पर उसका रुख द्रमुक की विचारधारा पर आधारित है।
इससे एक दिन पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के पूर्व अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के पांच बार के मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि की 100वीं पुण्यतिथि पर 100 रुपये का एक स्मारक सिक्का जारी किया और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए उन्हें भारतीय राजनीति का एक ‘‘महापुरुष’’ बताया।
सिंह ने करुणानिधि के पुत्र एवं मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की उपस्थिति में सिक्का जारी किया।
सिंह ने कहा, ‘‘करुणानिधि हमारे देश के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक हैं। एक ऐसे व्यक्ति जिनका प्रभाव तमिलनाडु की सीमाओं से कहीं आगे तक फैला हुआ था। करुणानिधि भारतीय राजनीति के एक दिग्गज, एक सांस्कृतिक स्तंभ और सामाजिक न्याय के एक अथक समर्थक थे।’’
स्टालिन ने यहां द्रमुक के विधायक के पी शंकर के बेटे दिलीप की शादी के अवसर पर कहा, ‘‘केवल इसलिए कि हमने केंद्रीय मंत्री को आमंत्रित किया, ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि हमारे भाजपा के साथ गोपनीय संबंध हैं। हमें (द्रमुक) भाजपा के साथ गोपनीय समझौता करने की कोई जरूरत नहीं है।’’
स्टालिन ने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक बार कहा था कि द्रमुक और उसके नेता एम. करुणानिधि का किसी भी मुद्दे पर विरोध या समर्थन विचारधारा पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कलैगनार (करुणानिधि को प्यार से इसी नाम से पुकारा जाता है) की सिंह द्वारा की गई प्रशंसा से बेहद आश्चर्यचकित और अभिभूत हैं।
स्टालिन ने कहा, ‘‘मैं इतना खुश था कि कल रात सो नहीं सका क्योंकि श्री राजनाथ सिंह की कलैगनार के बारे में ईमानदार टिप्पणी सीधे उनके दिल से निकली थी।’’
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