छत्तीसगढ़ एसीबी/ईओडब्ल्यू ने चार राज्यों में 24 स्थानों पर छापे मारे
संजीव राजकुमार
- 16 Aug 2024, 11:57 PM
- Updated: 11:57 PM
रायपुर, 16 अगस्त (भाषा) छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) /आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों रानू साहू और समीर विश्नोई तथा राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार राज्यों में 24 स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
तीनों अधिकारी राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान उजागर हुए कोयला लेवी घोटाले के मामले में जेल में हैं।
एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि कर्नाटक के बेंगलुरु और झारखंड के जमशेदपुर में एक-एक स्थान पर, राजस्थान में दो स्थानों और छत्तीसगढ़ में 20 स्थानों पर छापे मारे गए।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में एसीबी/ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कोरबा और गरियाबंद में एक-एक स्थान पर, रायगढ़ में दो स्थानों पर, महासमुंद में तीन स्थानों पर, रायपुर में पांच स्थानों पर तथा दुर्ग जिले में आठ स्थानों पर छापेमारी की।
अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में एसीबी/ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने अचल संपत्तियों से संबंधित विभिन्न दस्तावेज जब्त किए, जिनसे भारी मात्रा में बेनामी संपत्तियों का पता चला। इसके अलावा वाहनों से संबंधित कई दस्तावेज और संपत्तियों के बारे में जानकारी वाले लैपटॉप, मोबाइल फोन और पेन ड्राइव जैसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए।
उन्होंने बताया कि दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है।
दो जुलाई को राज्य की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने निलंबित आईएएस अधिकारियों रानू साहू और समीर विश्नोई के साथ-साथ राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988/संशोधित अधिनियम, 2018 की संबंधित धाराओं के तहत भ्रष्टाचार के आरोप में तीन नई प्राथमिकी दर्ज की थी।
कथित कोयला लेवी घोटाले में धनशोधन पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने पिछले साल जुलाई में साहू को गिरफ्तार किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव चौरसिया को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था, जबकि विश्नोई को अक्टूबर 2022 में कोयला लेवी मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। तब से तीनों नौकरशाह जेल में हैं।
राज्य में एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा कोयला लेवी मामले के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भादंसं के प्रावधानों के तहत इस साल जनवरी में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामित 35 लोगों में ये तीन अधिकारी भी शामिल हैं।
यह मामला ईडी द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक समूह द्वारा राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की जा रही थी।
अधिकारियों ने बताया कि इस बीच एसीबी/ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को दुर्ग जिले से कथित कोयला लेवी मामले के एक प्रमुख आरोपी मनीष उपाध्याय को गिरफ्तार किया।
भाषा संजीव