डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 21 दिन की ‘फर्लो’ पर जेल से बाहर
वैभव अविनाश
- 13 Aug 2024, 04:53 PM
- Updated: 04:53 PM
चंडीगढ़, 13 अगस्त (भाषा) दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह मंगलवार को 21 दिन की ‘फर्लो’ पर हरियाणा के रोहतक स्थित सुनरिया जेल से बाहर आया।
‘फर्लो’ की अवधि के दौरान राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरनावा स्थित डेरा आश्रम में रहेगा।
राम रहीम की ‘फर्लो’ पर रिहाई के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की याचिका का पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा निपटारा किए जाने के कुछ दिन बाद उसे जेल से अस्थाई रूप से रिहा किया गया।
उच्च न्यायालय ने नौ अगस्त को कहा था कि डेरा प्रमुख की अस्थायी रिहाई के अनुरोध वाली याचिका पर सक्षम प्राधिकारियों को बिना किसी ‘‘पक्षपात’’ के विचार करना चाहिए।
दुष्कर्म के दोषी राम रहीम ने इस साल जून में 21 दिन की ‘फर्लो’ पर रिहाई के अनुरोध को लेकर उच्च न्यायालय का रुख किया था।
उससे पहले, 29 फरवरी को उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह उसकी अनुमति के बगैर डेरा प्रमुख को और पैरोल न दे।
राम रहीम को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। डेरा प्रमुख की अस्थायी रिहाई से संबंधित ‘वारंट’ के अनुसार उसे 21 दिन की अवधि के लिए ‘फर्लो’ पर रिहा किया गया है और शर्त यह है कि वह इस अवधि में बरनावा स्थित डेरा के शाह सतनाम जी आश्रम में रहेगा।
‘वारंट’ के अनुसार राम रहीम को जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना ऐसे किसी स्थान पर जाने की अनुमति नहीं होगी जिसका उल्लेख ‘वारंट’ में नहीं है।
‘वारंट’ में कहा गया है कि डेरा प्रमुख शांति कायम रखेगा और अच्छा बर्ताव करेगा।
सिंह को 21 दिन की ‘फर्लो’ समाप्त होने के बाद उस जेल के अधीक्षक के समक्ष समर्पण करना होगा जहां से उसे रिहा किया गया।
इसमें कहा गया है कि संबंधित थाने का प्रभारी अस्थायी रिहाई के दौरान दोषी कैदी के आचरण और गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगा तथा यथाशीघ्र उपायुक्त या पुलिस अधीक्षक के माध्यम से जेल अधीक्षक को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
सिंह अपनी दो महिला अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के मामले में हरियाणा के रोहतक जिले की सुनरिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है। उसे 2017 में सजा सुनाई गई थी।
डेरा प्रमुख और तीन अन्य को एक पत्रकार की हत्या के 16 साल से अधिक पुराने मामले में भी 2019 में दोषी करार दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने 2002 में डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले की ‘‘खराब और अस्पष्ट’’ तरीके से जांच किए जाने का हवाला देते हुए मई में राम रहीम और चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।
हत्या के करीब 20 साल पुराने एक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम को सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था।
भाषा वैभव