मध्यप्रदेश धोखाधड़ी मामले में अल फलाह विश्वविद्यालय के अध्यक्ष का भाई गिरफ्तार
मनीषा
- 17 Nov 2025, 01:37 PM
- Updated: 01:37 PM
महू (मध्यप्रदेश), 17 नवंबर (भाषा) दिल्ली विस्फोट मामले में जांच के घेरे में आए अल फलाह विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जावेद सिद्दीकी के भाई को मध्यप्रदेश पुलिस ने महू में वित्तीय धोखाधड़ी के सिलसिले में हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि 25 साल पहले मध्यप्रदेश के महू में बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी करने के आरोपी हमूद अहमद सिद्दीकी को रविवार को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया।
महू के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी ललित सिंह सिकरवार ने पीटीआई-भाषा को बताया, "हमूद 2000 में कथित तौर पर एक फर्जी निजी बैंक स्थापित करने और सैकड़ों निवासियों को उनकी जमा राशि दोगुनी करने का वादा करके उन्हें लुभाने के बाद महू से गायब हो गया था। घोटाला सामने आने के तुरंत बाद वह अपने परिवार के साथ भाग गया था, जिससे अधिकारी दशकों तक उसकी तलाश करते रहे। उसे कल हैदराबाद में गिरफ्तार किया गया।"
अधिकारी ने बताया कि महू पुलिस द्वारा जावेद सिद्दीकी की पृष्ठभूमि की दोबारा जांच शुरू करने और उसके स्थानीय संबंधों का पता चलने के बाद यह गिरफ्तारी की गई।
पारिवारिक रिकॉर्ड की विस्तृत समीक्षा से पता चला है कि हमूद लंबे समय से लंबित धोखाधड़ी के मामले में भगोड़ा था।
सूत्रों के अनुसार, हमूद हैदराबाद में रह रहा था और शेयर ट्रेडिंग का काम करता था, लेकिन वह कम ही लोगों से मिलता-जुलता था।
जांचकर्ता अब हमूद के संपर्कों और पिछले कुछ वर्षों की गतिविधियों की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि भूमिगत रहने के दौरान किन लोगों ने उसकी मदद की होगी।
गौरतलब है कि दिल्ली विस्फोट का मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी अल फलाह विश्वविद्यालय का छात्र था, जिसके अध्यक्ष जावेद सिद्दीकी हैं।
एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि दिल्ली पुलिस ने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले की चल रही जांच और विश्वविद्यालय के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी के दो मामलों के संबंध में अल फलाह विश्वविद्यालय के अध्यक्ष को दो समन जारी किए हैं।
जांचकर्ताओं ने पाया कि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष का बयान, विश्वविद्यालय के कामकाज और संस्थान से जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियों से जुड़ी कई विसंगतियों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है जिसके बाद उन्हें समन भेजा गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्हें समन जारी करना एक व्यापक जांच का हिस्सा है, जो पिछले हफ़्ते लाल किले के पास हुए विस्फोट की चल रही जांच से मेल खाती है। इस विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए थे।
माना जाता है कि विस्फोट से जुड़े कई संदिग्धों का विश्वविद्यालय से संबंध रहा है, जिसके कारण जांचकर्ताओं को संस्थागत रिकॉर्ड, वित्तीय लेनदेन और प्रशासनिक स्वीकृतियों की जांच करनी पड़ी।
भाषा सं दिमो