राहुल गांधी के शब्द हिंदू धर्म और बिहार की संस्कृति के प्रति उनका तिरस्कार दर्शाते हैं: भाजपा
अमित माधव
- 29 Oct 2025, 08:49 PM
- Updated: 08:49 PM
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में टिप्पणी को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस नेता के शब्द हिंदू धर्म, छठ पूजा और बिहार की संस्कृति के प्रति उनके ‘‘तिरस्कार और घृणा’’ को दर्शाते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने मोदी की छठ पूजा के प्रति श्रद्धा को ‘‘ड्रामा’’ कहने के लिए गांधी की निंदा करते हुए कहा कि बिहार की जनता ‘‘बिहार की संस्कृति और आस्था के प्रतीक छठ महापर्व के अपमान’’ के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘छठ पूजा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत लोगों की इस छठ महापर्व में आस्था को लेकर उन्होंने (गांधी) अपनी टिप्पणी में जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है, वह निंदनीय है। बिहार के लोग स्तब्ध और गुस्से में हैं।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी घटक दल गांधी की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं।
त्रिवेदी ने गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक ‘‘ड्रामा’’ है जब कांग्रेस नेता की तस्वीर उनके पार्टी नेताओं द्वारा ‘कुर्ता’ के ऊपर ‘जनेऊ’ पहने हुए दिखायी जाती है और तब जब वह मंदिर से आते हैं और अपनी ‘‘जाति नहीं, गोत्र’’ बताते हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गांधी से "सार्वजनिक माफी" की मांग करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राहुल गांधी द्वारा बिहार की पवित्र धरती से लोक आस्था के महापर्व छठ का अपमान करना करोड़ों श्रद्धालुओं की भावना पर गहरा आघात है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी का बयान सनातन संस्कृति के प्रति उनकी घृणा को दर्शाता है, साथ ही आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ कांग्रेस की गहराई तक बैठी नफरत और हताशा को भी उजागर करता है।’’
प्रधान ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने अपनी सामंतवादी सोच, राजनीतिक कुंठा और पराजय के भय से ग्रसित होकर ये बयानबाजी की है। यह वही मानसिकता है, जो पहले भी प्रधानमंत्री जी और उनकी पूज्य माताजी के प्रति अमर्यादित वक्तव्य देती रही है।’’
त्रिवेदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधते हुए सवाल किया कि वह ‘‘बिहारियों का और कितना अपमान’’ सहन करेंगे।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से इन चुनावों में बिहार की जनता महागठबंधन के सूर्य को अस्त करके बिहार की संस्कृति और आस्था के प्रतीक के अपमान का बदला लेगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग और भारत के उगते सूर्य को समर्थन देकर एक नये भारत का मार्ग प्रशस्त करेगी।’’
भाजपा नेताओं की यह टिप्पणी राहुल गांधी के उस बयान में बाद आयी जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि यदि मतदाता कहें तो वह (प्रधानमंत्री मोदी) वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
कांग्रेस नेता गांधी ने बिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अगर मोदी जी ड्रामा करना चाहते हैं, छठ पूजा का ड्रामा करना चाहते हैं, तो पानी आएगा, वीडियो कैमरा आएगा।’’
त्रिवेदी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह कांग्रेस नेता की हिंदू धर्म और संस्कृति के साथ-साथ बिहार के सबसे बड़े त्योहार और संस्कृति छठ पूजा के प्रति ‘‘घृणा और तिरस्कार की भावना’’ को दर्शाता है।
भाजपा नेता त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी शुद्ध शाकाहारी हैं और नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक उपवास रखते हैं। उन्होंने अयोध्या में राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए भी ग्यारह दिनों तक उपवास रखा था।
त्रिवेदी ने कहा, ‘‘राहुल जी, ये कोई ड्रामा नहीं है। ड्रामा तो वो है जब आपके सहयोगी 'सनातन को मिटाने' पर संवाददाता सम्मेलन करते हैं और फिर आपके लोग 'वैश्विक हिंदुत्व के विनाश' पर विदेश में संवाददाता सम्मेलन करते हैं और फिर आप कहते हैं कि लड़ाई हिंदू धर्म शक्ति से है।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘और फिर आपके लोग संवाददाता सम्मेलन में आपकी ‘कुर्ते पर जनेऊ’ पहने तस्वीर दिखाते हैं और आप मंदिर से बाहर आकर अपनी जाति नहीं, बल्कि अपना गोत्र बताते हैं। इसे ड्रामा कहते हैं।’’
प्रधान ने गांधी पर ‘‘मर्यादाओं की सारी सीमाएं लांघने’’ का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता गांधी को महापर्व छठ और प्रधानमंत्री को लेकर अपने ‘‘इस अपमानजनक व मर्यादाओं की सारी सीमाएं लांघने वाले इस बयान’’ के लिए बिहार और देश की जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और उनके महा-ठगबंधन ने ‘‘जंगलराज’’ को बढ़ावा देते हुए हमेशा बिहार के गरीब, किसान, महिला और युवाओं की आकांक्षाओं को रौंदने का काम किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘और आज ये लोग स्पष्ट रूप से हार की बौखलाहट में ऐसी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मगर, बिहार की जनता विकास और सुशासन चाहती है, न कि परिवारवाद और नफरत की राजनीति।’’
भाषा अमित